बालको रामलीला मैदान में आयोजित हुआ सामूहिक हरेली त्यौहार
कोरबा, 17 जुलाई । कोरबा जिलान्तर्गत बालको सार्वजनिक हरेली आयोजन समिति द्वारा एक दिन पूर्व रामलीला मैदान में सामूहिक हरेली त्यौहार का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि कोरबा विधायक एवं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि “हरेली का मतलब हरियाली से होता है। वैसे तो यह छत्तीसगढ़ का पहला पर्व होता है और यह खेतीकिसानी एवं किसानों की समृद्धि का प्रतीक है।
यह प्रकृति पूजा का भी दिन होता है। रोपाई, बुआई पूर्ण कर किसान इस दिन कृषि यंत्रो की पूजा करते है और प्रदेश की खुशहाली की कामना करते है। हमारे अन्नदाता प्रदेश की खुशहाली की प्रमुख कड़ी है, इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार आते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली त्यौहार के दिन ही किसान न्याय योजना की शुरूवात की थी। किसानों को 15 साल बाद उनके एक-एक दाने का दाम मिला और आज किसान समृद्धि की राह गढ़ रहे हैं।”
छत्तीसगढ़ का प्रथम और प्रमुख लोकपर्व हरेली तिहार छत्तीसगढ़ महतारी के हरियर श्रृंगार और हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाने आज इस महान पर्व पर श्री अग्रवाल ने सबको बधाई दी और कहा कि किसानों की समृद्धि से ही प्रदेश में खुशहाली और तरक्की होगी, इसलिए हमारी सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को खेती-किसानी से प्रारंभ कर शहरों तक पहुंचाया। देश में छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां पर किसान न्याय योजना से किसानों की समृद्धि बढ़ी।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि हरेली त्यौहार से हमारी संस्कृति की पहचान बढ़ी है। यह दिन किसानों के लिए प्रमुख त्यौहार था, लेकिन आज इसे शहरों में भी प्रमुखता से मनाया जा रहा है। हमारी सरकार ने विकास के साथ प्रदेश की संस्कृति और लोकपर्वो को भी नई पहचान दी है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जयसिंह अग्रवाल सहित उपस्थित अतिथियों एवं गणमान्य नागरिकों ने गेड़ी चढ़कर त्यौहार का लुत्फ उठाया। आयोजन समिति ने गेड़ी एवं नारियल फेंक प्रतियोगिता का आयोजन किया। सभी ने छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का भी स्वाद लिया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से संतोष राठौर, दुष्यंत शर्मा, बद्रीकिरण, गिरधारी बरेठ, एफ.डी. मानिकपुरी, ए.डी. जोशी, शशीलता पाण्डेय, प्रभात डडसेना, गोपाल मानिकपुरी, मुन्ना खान, शैलेन्द्र जायसवाल, पुष्पेन्द्र जायसवाल, नौशाद खान, मालती देवी, रूखमणी, सविता देवी, संगीता सूर्यवंशी, जगन्नाथ थवाईत, गुड्डू थवाईत सहित बालको क्षेत्र के नागरिक भारी संख्या में उपस्थित थे।
[metaslider id="347522"]