कोरबा,07 जुलाई । सुन्नी मुस्लिम जमात के सदर हाजी अखलाक असरफी जी के 5 जुलाई जन्मदिन के अवसर पर सुन्नी मुस्लिम जमात के सदस्यों व परिवार जनों के साथ दरगाह अजमेर सरीफ पहुंचे व चादर पेश कर तमाम बुजुर्गों,भाइयों, बहनों ,बच्चों लिए दुआ किये और भारत देश में अमन, शांति व खुशहाली के लिए दुआ किये, साथ ही हाजी अखलाक ने अजमेर शरीफ दरगाह में 80 मन के बड़े देग में लंगर बनवाया गया ,और गरीबों में लंगर तक़सीम किया गया और रात में शमा महफ़िल का भी आयोजन किया गया जिसमें अजमेर शरीफ दरगाह के दरबारी कव्वाल को बुलवाया गया था । हाजी अखलाक ने बताया कि राजस्थान राज्य के अजमेर में स्थित ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है।
यह दरगाह, पिंकसिटी जयपुर से करीब 135 किलोमीटर दूर, चारों तरफ अरावली की पहाड़ियों से घिरे अजमेर शहर में स्थित है। अजमेर शरीफ की दरगाह के नाम से यह पूरे देश में प्रसिद्ध है।इस दरगाह से सभी धर्मों के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। इसे सर्वधर्म सद्भाव की अदभुत मिसाल भी माना जाता है। ख्वाजा साहब की दरगाह में हर मजहब के लोग अपना मत्था टेकने आते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी ख्वाजा के दर पर आता है कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है, यहां आने वाले लोगों की हर मुराद पूरी होती है। इस पूरे कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम जमात के सरपरस्त कारी सैय्यद सब्बीर अहमद असरफी व सुन्नी मुस्लिम जमात के जनरल सेक्रेटरी जुम्मन खान रिज़वी , लुतरा से अब्दुल गफ्फार ,नैला जांजगीर से बिलाल खान सहित आदि लोग उपस्थित थे
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