मनरेगा से संपन्नता की कहानी गढ़ रहा मोतीराम

दंतेवाडा ,03 जुलाई  ग्राम पंचायत कुआकोंडा के निवासी मोतीराम के पास कुछ जमीन थी जिसमें वो सब्जी उत्पादन का कार्य करना चाहते थे किंतु उनके पास पर्याप्त पूंजी का अभाव होने के कारण वे खेत में मेढ़ बंधान कार्य नहीं कर पा रहे थे। इस प्रकार मन में कुछ करने की चाह होने के बावजूद वे खुद को असहाय महसूस कर रहे थे। फिर उन्हे ग्राम पंचायत की ग्राम सभा में पता चला की एफ.आर.ए. (वनाधिकार पट्टाधारी) हितग्राहियों को प्रशासन की ओर से खेती बाड़ी से जुड़े कार्यों में लाभान्वित किया जा रहा है। इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने अपने आवश्यक दस्तावेज पंचायत के माध्यम से जनपद कार्यालय को उपलब्ध कराया एवं कुछ ही दिनों में उनका कार्य स्वीकृत हो गया एवं मनरेगा योजना से इस कार्य को पूर्ण कर लिया गया।

खेती में मेढ़ बंधान कार्य होने से खेत में पानी एवं खाद बीज के बह जाने की चिंता मुक्त होकर अपनी भूमि में साग-सब्जी उत्पादन का कार्य शुरू किया और उनकी मेहनत रंग लायी। आज उनके खेत में विविध प्रकार की सब्जियों को देखा जा सकता है जिसमें बरबट्टी, सेमी, पालक भाजी, लाल भाजी, सरसों आदि है। इन सब्जियों को वे स्थानीय हाट-बाजार में बेचकर मोतीराम  महीने के लगभग 4500 से 6000 तक की भी आमदनी कर पा रहे है। निश्चित तौर पर योजना का लाभ पाकर वे खुश है तथा इसी प्रकार अन्य लोगों को भी योजनाओं का लाभ लेने प्रेरित कर रहे हैं।

महात्मा गांधी नरेगा ग्रामीण लोगों के लिए आजीविका तथा रोजगार का एक प्रमुख साधन तो है ही इसके साथ-साथ हितग्राही मूलक कार्यों जैसे डबरी निर्माण, भूमि समतलीकरण, मेढ़ बंधान, मुर्गी शेड, बकरी शेड, गाय शेड निर्माण तथा अन्य खेती-बाड़ी से जुड़े कार्य भी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से किए जाते हैं इससे लाभ लेकर ग्रामीण भी  विकास की ओर अग्रसर हो रहे  है।

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