देश की राजधानी दिल्ली में गोल्ड प्राइस में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. दिल्ली में 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 59,170 रुपये पर आ गई है. खास बात तो ये है कि दिल्ली में गोल्ड के दाम एक महीने में करीब 6 फीसदी कम हो चुके हैं. 24 मई को गोल्ड के दाम 62,720 रुपये के हाई पर पहुंच गए थे. अब इसके बाद कई तरह के सवाल में पैदा हो रहे हैं. क्या यह सोना खरीदने कार सही समय है? या फिर निवेशकों को गोल्ड में और गिरावट का इंतजार करना चाहिए? आइए आपको भी बताते हैं आखिर इस बारे में जानकारों का क्या कहना है.
ऑगमोंट गोल्ड फॉर ऑल के डायरेक्टर सचिन कोठारी एफई से बात करते हुए कहते हैं कि गोल्ड ने शॉर्ट टर्म में अपने सेफ-हेवन अपील को खो दिया है. वास्तव में दुनिया भर के सेंट्रल बैंक अपने मॉनेटरी रुख को लेकर काफी सख्त हैं. महंगाई को कंट्रोल करने के लिए पिछले 15 महीनों में यूएस फेड ने ब्याज दरों में 500 बीपीएस, बीओई ने 475 बीपीएस और ईसीबी ने 400 बीपीएस की बढ़ोतरी की है.
क्या और गिरेंगे सोने के दाम?
कोठारी का कहना है कि गोल्ड की कीमत मौजूदा लेवल से 3-4 फीसदी और गिर सकती है और शॉर्ट टर्म में और भी कमजोर बनी रह सकती है. कोठारी कहते हैं कि गोल्ड की कीमतें कमजोर रहने और मौजूदा स्तर से 3-4 फीसदी तक गिरने की उम्मीद है क्योंकि हम आने वाले दो महीनों में दरों में और बढ़ोतरी देखेंगे.
विघ्नहर्ता गोल्ड लिमिटेड के चेयरमैन महेंद्र लूनिया ने एफई से बात करते हुए कहा कि हाल के दिनों में सोने की कीमत में गिरावट देखी जा रही है. हालांकि, वर्ल्ड इकोनॉमिक डाटा के सिनेरियो और केंद्रीय बैंकों की कार्रवाइयों को देखकर ऐसा लग रहा है कि गोल्ड की कीमत में गिरावट सिर्फ मुनाफावसूली की वजह से देखने को मिल रही है.
लुनिया के अनुसार दुनिया भर के केंद्रीय बैंक या तो ब्याज दरों में वृद्धि को बनाए रखे हुए हैं या फिर ब्याज दरों को फ्रीच रखा हुआ है. इसलिए हमारा मानना है कि कीमतों में ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं है, जबकि मुनाफावसूली कुछ समय तक जारी रह सकती है.
क्या यही है गोल्ड खरीदने का सही समय?
कोठारी के अनुसार यह सोना खरीदने का अच्छा समय है, क्योंकि गिरावट सीमित है और लांगटर्म सिनेरियो अभी भी तेजी का है क्योंकि दरों में भारी बढ़ोतरी से 2023 के अंत तक इकोनॉमी मंदी की ओर ले जाने की उम्मीद है. इसलिए, गोल्ड की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल सकती है.
वास्तव में इकोनॉमी के कमजोर होने से निवेशकों रुख सेफ हैवन की ओर जाता है और गोल्ड की डिमांड में इजाफा होता है, जिसकी वजह से कीमतों में तेजी देखने को मिलती है. जानकारों की मानें साल कं अत तक अगर दुनिया रिसेशन की चपेट में आती है और केंद्रीय बैंक सेफ लैंडिंग में फेल होते हैं तो गोल्ड के दाम 65 हजार प्रति दस ग्राम पर पहुंच सकते हैं.
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