जांजगीर-चांपा, 23 जून। जिले के बनाहिल गांव में दुकानदार और उसके बेटों से मारपीट करने के मामले में मुलमुला थाने के बर्खास्त आरक्षक धर्मेंद्र बंजारे और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। वहीं 3 घायलों में से एक की हालत गंभीर है, जिसे बिलासपुर रेफर किया गया है। फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामला मुलमुला थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, नीले रंग की कार में सवार होकर मुलमुला थाने के बर्खास्त आरक्षक धर्मेंद्र बंजारे के दो रिश्तेदार अपने दो बच्चों के साथ आए। उन्होंने दुकानदार रामनाथ कैवर्त्य (56 वर्ष) से आइसक्रीम की मांग की। दुकानदार ने उन्हें 3 आइसक्रीम दी, लेकिन उन्होंने और अच्छी व महंगी वाली आइसक्रीम मांगी। जिस पर दुकानदार ने कहा कि उनके पास इससे अच्छी आइसक्रीम नहीं है, जिस पर ग्राहकों ने उनके और उनके बेटे आशीष के साथ गालीगलौज और मारपीट की।
इसके बाद दोनों व्यक्ति बच्चों को लेकर अपनी कार से वापस चले गए। इसके थोड़ी ही देर बाद बर्खास्त आरक्षक धर्मेंद्र बंजारे अपने 10-12 साथियों के साथ दुकान में आया और रामनाथ, उनके बेटे आशीष और नीरज के साथ मारपीट करने लगा। आरोपियों ने दुकान में तोड़फोड़ कर दी। मारपीट से दुकानदार के दोनों बेटों आशीष कैवर्त्य और नीरज कैवर्त्य को गंभीर चोट आई है। इनमें से नीरज की हालत ज्यादा नाजुक है, उसे प्राथमिक उपचार के बाद बिलासपुर रेफर कर दिया गया है।
पीड़ित दुकानदार रामनाथ ने बताया कि 10-12 लोग उसकी दुकान में घुसकर तोड़फोड़ करने लगे, तो बड़ा बेटा नीरज (30 वर्ष) जो शासकीय उचित मूल्य की दुकान में सेल्समैन है, वो भी बीचबचाव करने पहुंचा। इधर छोटा बेटा आशीष (26 वर्ष) जो दुकान संभालता है, उसके साथ आरोपी मारपीट करने लगे। बड़ा बेटा नीरज उसे बचाने आया, तो उसके साथ भी आरोपियों ने जमकर मारपीट की।
पीड़ित पिता ने बताया कि लोहे की रॉड और लाठी-डंडों से मारपीट के चलते दोनों बेटे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। नीरज के सिर पर गंभीर चोट आई है, वहीं आशीष के कमर और शरीर के कई हिस्सों में चोट आई है। इनमें से बड़े बेटे नीरज को बिलासपुर रेफर किया गया है।
इधर मुलमुला थाने में बर्खास्त आरक्षक धर्मेंद्र बंजारे और अन्य उसके साथियों के खिलाफ धारा 294, 506, 323, 34 के तहत केस पंजीबद्ध किया गया है और मामले की जांच की जा रही है।गौरतलब है कि बर्खास्त आरक्षक धर्मेंद्र बंजारे ने एक साल पहले अपने थाना प्रभारी के ऊपर ही बंदूक तान कर उन्हें मारने की धमकी दी थी, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया था।
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