रायपुर। महंगाई भत्ता, वेतन विसंगित आदि मांगों को लेकर अधिकारी-कर्मचारी संघ एकजुट हो चुके हैं। शुक्रवार को इस मामले पर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, कर्मचारी-अधिकारी महासंघ, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ एवं शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक होगी। बैठक में आंदोलन की तारीख पर निर्णय लिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी संघ के प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि आंदोलन में राज्य के पौने पांच लाख अधिकारी-कर्मचारियों का समर्थन मिल रहा है। राज्य सरकार के उदासीन रवैये की वजह से कर्मचारियों को नुकसान सहना पड़ रहा है। इस मामले पर अधिकारी-कर्मचारियों के दो बड़े संगठन एकजुट हो चुके हैं। संगठन की मांग है कि नौ प्रतिशत महंगाई भत्ता, एचआरए का सातवें वेतनमान के अनुसार पुनरीक्षण, वेतन विसंगति दूर करने आदि मांगें हैं। आंदोलन को लेकर 11 सदस्यीय समिति गठित की गई है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि अधिकारी-कर्मचारियों की जायज मांगों को लेकर प्रदेश के पौने पांच लाख कर्मचारी एकजुट हैं। यदि सरकार मांगें पूरी नहीं करती तो अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ही सवा लाख पेंशनर संयुक्त बैनर तले आंदोलन पर जाने को मजबूर होंगे। आंदोलन की तिथियों की घोषणा के साथ ही हम राज्य सरकार को अल्टीमेटम भी देंगे।
तीसरी बैठक में निर्णय की उम्मीद
प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि फेडरेशन एवं महासंघ की संयुक्त बैठक में आंदोलन की तैयारियों से शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इससे पहले दोनों संगठनों में दो दौर की बैठकें हो चुकी हैं। तीसरे दौर की बैठक में शुक्रवार आंदोलन की तारीख तय कर दी जाएगी। सरकार ने पदोन्न्ति, क्रमोन्न्ति सहित घोषणा-पत्र में किए हुए वादे अभी तक पूरे नहीं किए हैं।
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