KORBA : अनुशासनहीनता की हदें पार,आवास बना दफ्तर! DMC के कक्ष में लटक रहा ताला

कोरबा, 22 जून । समग्र शिक्षा अभियान इन दिनों अधिकारियों के शासकीय आवासों से संचालित हो रहा। जी हां गुरुवार को क्रेडा (पुराने लाईवलीहुड कॉलेज) के ऊपरी तल में संचालित समग्र शिक्षा के प्रमुख अधिकारी डीएमसी के कार्यालयीन कक्ष में कार्यालयीन समयावधि में ताला जड़ा मिला। जिससे समग्र शिक्षा से जुड़े कार्यों को लेकर आने वाले लोग भटकते नजर आए।

यहां बताना होगा कि पिछले 5 सालों से कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रशिक्षण सह कार्यशाला भवन में शिक्षा विभाग की विभिन्न शाखाएं संचालित थीं। इस बीच बढ़ते स्थापना एवं विभागीय कार्य की वजह से महिला एवं बाल विकास विभाग को अपने स्वयं के भवन की अत्यंत दरकार थी। डीपीओ प्रीति खोखर चखियार ने पदभार ग्रहण करते ही विभागीय भवन को वापस लेने की दिशा में सार्थक पहल किया। महिला एवं बाल विकास विभाग को भवन हैंडओवर करते ही शिक्षा विभाग के समक्ष जिला कार्यालय में समस्त शाखाओं के संचालन की समस्या आ खड़ी थी। लिहाजा आईटीआई रामपुर स्थित क्रेडा के ऊपरी तल के समस्त कक्ष को शिक्षा विभाग ने कलेक्टर की अनुमति उपरांत प्राप्त कर समग्र शिक्षा अभियान की सभी शाखाओं को वहाँ शिफ्ट कर दिया। तकरीबन 5 माह से समग्र शिक्षा की सभी शाखाएं वहां से संचालित हो रही हैं। लेकिन इसके साथ ही वहां अनुशासनहीनता भी शुरू हो गई। डीएमसी से लेकर अन्य अधिकारी कर्मचारी के बिना ठोस सूचना कार्यालयीन समय में अनुपस्थित रहने का सिलसिला चल रहा। भवन में उस स्तर की सुविधाएं नहीं है जो जिला कार्यालय में मिल रही थी नतीजन अधिकारी अपने आवासों से विभागीय कामकाज निपटा रहे। विश्वस्त सूत्रों से मिली सूचना हमारी टीम ने गुरुवार को इसका जायजा लिया। जहां दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर समग्र शिक्षा के प्रमुख अधिकारी डीएमसी सहित कई एपीओ उपस्थित नहीं मिले।

डीएमसी के कक्ष में ताला जड़ा था। वर्तमान समय में शासकीय स्कूल भवनों के मरम्मत के अलावा ,स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों के भवन निर्माण , जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफटी ) के स्वीकृत कार्य ,निजी स्कूलों को पुस्तक वितरण ,से लेकर प्रवेश संबंधी मामलों का तत्परता से विभाग को निराकरण करना है। लेकिन जब अधिकारी ही इस तरह सेवाएं देंगे तो आँकाक्षी जिला कोरबा का भगवान ही मालिक है। नाम न छापने की शर्त पर विभाग के ही कर्मचारियों ने बताया कि डीएमसी सर जब से इस भवन में आए हैं महीने में दो चार दिन ही नजर आते हैं। पूरा विभागीय कामकाज अपने आवास से कर रहे। निश्चित तौर पर प्रशासन को इस दिशा में त्वरित संज्ञान लेनी चाहिए। आखिर ऐसा क्या माजरा है कि दफ्तर का काम घर से चल रहा। हमने डीएमसी श्री संजय सिंह से संपर्क कर प्रकरण में उनका पक्ष जानने की कोशिश की ,लेकिन संपर्क नहीं हो पाने की वजह से उनका पक्ष नहीं आ सका।

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