डॉ. नायक ने महिला उत्पीड़न के 13 प्रकरण नस्तीबद्ध व 6 मामले संबंधित विभाग को भेजा

जशपुरनगर , 22 जून । छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक व सदस्य नीता विश्वकर्मा ने आज कलेक्ट्रेट मंत्रणा सभाकक्ष जशपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। छ.ग. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 188वीं सुनवाई हुई तथा जिला स्तर में भी सुनवाई की गई। जिसमें आज जिला के कुल 20 प्रकरणों की जन सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका उनके प्रकरण में न्यायालय के आदेश होने के बाद भी तहसीलदार कार्यालय से नाप नहीं हुआ। जिला कार्यक्रम अधिकारी व संरक्षण अधिकारी को प्रमाणित प्रति दिया गया। दोनों पक्षों का निर्णय करें रिपोर्ट मिलने पर नस्तीबद्ध किया जाएगा। अन्य प्रकरण में अनावेदकगण ने बताया कि आवेदिका दूसरी पत्नी है, इस संबंध में पहली पत्नी को हक दिलाने के लिए बैठक किया था और जमीन विवाद था उसका उभय पक्ष को समझौता हो चुका है। अतः प्रकरण को आयोग ने नस्तीबद्ध किया।

अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदक क्रमांक 1, 2 अनुपस्थित क्र 3 उपस्थित आवेदिका ने बताया कि अनावेदक क्रमांक 01 उसका पिता है, जिसने बचपन से आवेदिका के दो बहनों व उसकी मां को छोड़ रखा है उनकी पूरी परवरिश उनके नाना और मामा ने किया है, जो कि अब तक अविवाहित है। वर्ष 2021 में आवेदिका के बहन के विवाह के समय अनावेदकगणों को निमंत्रण दिया गया था, कि कन्यादान के लिए आ जाएं। इस पर अनावेदकगण उपस्थित नहीं हुए है और गांव जाने पर आवेदिका व उसकी मां के साथ मारपीट किया गया, जिसकी रिपोर्ट तपकरा थाने में लिखवाना चाहा, लेकिन अब तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है।

और अनावेदक आवेदिका और उसके मामा के मोबाईल पर घटिया और अश्लील मैसेज भेकर उन्हें प्रताड़ित कर रहे है। इस प्रकरण में पुलिस जांच और साईबर क्राईम द्वारा जांच के लिए एसडीओपी कुनकुरी को प्रकरण सौंपा गया है। कि आवेदिका और उसके मामा के मोबाईल नंबर पर आये मैसेज का साईबर क्राईम से जांच कराकर अनावेदकगणों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध करें और उसकी सूचना आयोग को एक माह के अंदर प्रेषित करने के लिए कहा गया है, ताकि अगला सुनवाई रायपुर किया जा सके।

अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित उन्होंने बताया कि न्यायालय से खाता बटवारा और खाता में चढ़ गया है। अब कोई कार्यवाही नहीं चाहते है। अतः प्रकरण को आयोग ने नस्तीबद्ध किया। अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित दोनों ने बताया कि अनावेदक ने अपनी गलती की माफी मांग लिया है, जिसे आवेदिका ने मांफ कर दिया है। अतः प्रकरण आयोग की ओर से नस्तीबद्ध किया जाता है।

अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उप आवेदिका ने बताया कि अनावेदिका ने उसके बेटे के साथ मारपीट किया था और अनावेदक से पूछे जाने पर उसने अपना नाम अलग बताया आवेदिका ने बताया कि उसका भाई का नाम अलग बताया गया, इस प्रकरण को जांच के लिए एसडीओपी कुनकुरी को दिया गया है। अपना प्रतिवेदन एक माह के अंदर प्रेषित करें। और प्रतिवेदन के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया कि उसको और उसके परिवार को  थाना प्रभारी पत्थलगांव के द्वारा प्रताड़ित किया गया था। उसके बाद अनावेदक के बताया कि आवेदिका के बेटे के उपर 302 का अपराध कायम किया गया था, एक चार साल की बच्ची गुमी थी उसकी मृत बाडी ताला में एक थैली में बरामद हुई थी, जिसकी डीएनए रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय से आवेदिका के बेटे को आजीवन कारावास की सजा हुई है। जिसकी अपील बिलासपुर हाई कोर्ट्स में लगा हुआ है। आवेदिका के बेटे के गिरफ्तारी के पहले पुलिस ने आवेदिका को गिरफ्तार किया था। जिसके दस्तावेज आवेदिका के पास है। क्योंकि प्रकरण हाईकोर्ट बिलासपुर में लंबित है। अतः आयोग के द्वारा सुनवाई किया जाना उचित नहीं है। अतः प्रकरण आयोग की ओर से नस्तीबद्ध किया जाता है।

अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका और अनावेदिका गण बालिका गृह जशपुर में कार्यरत् है, आवेदिका को नौकरी से निकाला गया था और उनकी तन्खा नहीं दी गई थी। अनावेदिका ने बताया कि तन्खा का पैसा चेक से आवेदिका दिया गया है, आवेदिका ने यह भी स्वीकार किया गया है उनका तन्खा प्राप्त हुआ है। आयोग में सुनवाई औचित्य का नहीं है, आवेदिका कहती है कि बालिका गृह में भ्रष्टाचार हो रहा है, इसकी जांच के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया गया है, कि अपने सभी अधीस्थ एनजीओ का समय-समय जांच करते रहे। ताकि इस प्रकार की शिकायत नहीं आये। अतः प्रकरण आयोग की ओर से नस्तीबद्ध किया जाता है।

अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका पक्ष के द्वारा अपने पुत्र को अस्पताल से बदल दिये जाने का प्रकरण आयोग में प्रस्तुत था, जिसमें लगातार सुनवाई जारी थी और डी.एन.ए. टेस्ट कराये जाने तय था। लेकिन ऐसा ज्ञात हुआ है कि जिस पुत्र को पाने के लिए आवेदिका ने आवेदन किया था, उसकी मृत्यु हो चुकी है। जिसकी पुष्टि नहीं हुई है संरक्षण अधिकारी को जिम्मेदारी दिया जाता है, कि वह कुलदीप इंदवार के मृत्यु की जानकारी लेकर डेट सर्टिफिकेट के कॉपी के साथ सूचना आयोग में प्रेषित करें। ताकि प्रकरण नस्तीबद्ध किया जा सके।

जनसुनवाई में आज जिला जशपुर की जनसुनवाई में कुल 20 प्रकरणों में से 13 प्रकरणों का नस्तीबद्ध किया गया। 02 प्रकरण को रायपुर ट्रांसफर किया गया और 03 प्रकरणों को जिला कार्यक्रम अधिकारी व संरक्षण अधिकारी को जांच के लिए दिया गया और 02 प्रकरण अगली सुनवाई के लिए प्रेषित किया गया है। साथ ही आवेदक के आवेदनों का अवलोकन करते हुए बालाछापर नन प्रकरण को जांच के लिए एसएसपी जशपुर को भेजने के निर्देश दिए हैैं।