जयपुर,20 जून । पत्नी को गुजारा भत्ता देने के लिए एक व्यक्ति 55 हजार रुपये के सिक्के लेकर कोर्ट पहुंचा। सिक्कों को देखकर दरबार में मौजूद हर कोई हैरान रह गया। जब पत्नी ने इसका विरोध किया तो पति ने कहा कि यह भारतीय कानूनी मुद्रा है और इसलिए इसे स्वीकार किया जाना चाहिए। इस पर कोर्ट ने पति को अगली तारीख पर सिक्के गिनवाने का आदेश दिया। पति को एक-एक हजार रुपए का बैग बनाकर पत्नी को देने का निर्देश दिया। मामले में अगली तारीख 26 जून है।
इस बीच पति दशरथ कुमावत के वकील रमन गुप्ता ने कहा, ”यह मामला पारिवारिक विवाद से जुड़ा है। दशरथ कुमावत की शादी करीब 10 साल पहले सीमा कुमावत से हुई थी। शादी के 3-4 साल बाद दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। पति ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दी। मामले की सुनवाई के दौरान फैमिली कोर्ट ने पति को पत्नी को हर महीने भरण-पोषण के तौर पर 5 हजार रुपये देने का निर्देश दिया।
पति यह राशि पति 11 माह से पत्नी को नहीं दे रहा था। कोर्ट ने पति के खिलाफ रिकवरी वारंट जारी किया। फिर राशि का भुगतान न करने पर नोटिस को गिरफ्तारी वारंट में बदल दिया। आखिरकार युवक को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। हालांकि, रकम अदा करने के बाद कोर्ट ने पति को जमानत पर रिहा कर दिया। यह मामला जयपुर के फैमिली कोर्ट-1 में चल रहा है। कोर्ट की छुट्टियां होने के कारण इस बार मामले की सुनवाई लिंक कोर्ट एडीजे-8 जयपुर महानगर प्रथम में हुई। पुलिस ने पति को 17 जून को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
उसी दिन परिजन सात थैलियों में एक व दो रुपये के सिक्के लेकर कोर्ट पहुंचे। इनका वजन करीब 280 किलो था। इस पर सीमा कुमावत के अधिवक्ता रामप्रकाश कुमावत ने कहा, यह मानवीयता नहीं है। पति 11 महीने से भरण-पोषण की राशि नहीं दे रहा है। अब वह पत्नी को परेशान करने के लिए 55 हजार रुपये के सिक्के लेकर आया है। उन्हें गिनने में ही 10 दिन लगेंगे। इस पर कोर्ट ने पति को निर्देश दिया कि वह कोर्ट में ही सिक्कों की गिनती करवा ले और एक-एक हजार रुपए के सिक्कों की थैलियां बनवा ले।
[metaslider id="347522"]