शहर में पहली बार इतनी भीषण आगजनी, काबू पाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाने पड़े 10 दमकल समेत लिफ्टर, एक्सीवेटर व हाइड्रा

काेरबा। शहर के ट्रांसपाेर्ट नगर में मुख्य मार्ग एक ओर रेलवे ट्रैक है और दूसरी ओर व्यवसायिक संस्थान व दुकान, जिनमें कई बैंक व शाेरूम भी संचालित है। बिजली विभाग ने मुख्य मार्ग काे वायर फ्री जाेन बनाने के लिए करीब 1 दशक पहले अंडरग्राउंड केबल बिछाया है। व्यवसायिक संस्थान में बिजली सप्लाई के लिए कुछ-कुछ दूरी पर डिस्टिब्यूशन बाॅक्स लगाया गया है। ट्रांसपाेर्टनगर चाैक के पास व्यवसायिक काम्लेक्स में बिजली सप्लाई के लिए इलाहबाद बैंक के प्रवेश द्वार के पास डिस्टिब्यूशन बाॅक्स लगा है। साेमवार की दाेपहर करीब 1.15 बजे उक्त डिस्टिब्यूशन बाॅक्स के केबल में शार्ट-सर्किट से चिंगारी उठने लगी। आसपास फ्लैक्स से आग फैलने लगी। देखते ही देखते भूतल के दुकानाें में आग फैल गई। जहां माैजूद संचालकाें समेत कर्मचारियाें व ग्राहक ने बाहर निकलकर खुद की जान बचाई। ऊपर तल पर स्थित इलाहबाद बैंक व साहेब प्लानेट कपड़ा शाेरूम में भी आग लग गई। आगजनी से अफरा-तफरी मच गई। पहले तल में माैजूद करीब 20-25 लाेग बैंक की खिड़की से कूदकर बचे। वहीं कुछ लाेग फंसे रह गए। रेस्क्यू ऑपरेशन के दाैरान बैंक के हिस्से से गार्ड काे सुरक्षित बाहर निकाला गया। वहीं शाेरूम की खिड़कियाें काे ताेड़कर रेस्क्यू टीम अंद गई जहां एक युवती समेत 3 लाेग पड़े थे। उन्हें बारी-बारी बाहर निकालकर मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल भेजा गया। जहां डॉक्टरों की टीम ने उन्हें मृत घाेषित कर दिया।

किसे पता था हाेगा ऐसा हादसा…नहीं बच सकी 3 लाेगाें की जान 

घटना में मृत 3 लोगों में एक युवती रश्मि सिंह(25) चिरमिरी निवासी थी जाे एसईसीएल कालाेनी में रहने वाले अपने भाई के घर घुमने आई थी। शाेरूम में आग लगने की सूचना पर जब चिंतित भैय्या-भाभी ने उसका हालचाल जानने माेबाइल पर काॅल किया ताे लगातार रिंग जाने के बाद भी काॅल नहीं उठा। उनकी चिंता बढ़ गई। वे घटनास्थल पहुंचे। प्रशासनिक-पुलिस अधिकारियाें काे रश्मि के अंदर फंसे हाेने की जानकारी दी। रेस्क्यू टीम अंदर पहुंचकर खाेजबीन की ताे वहां रश्मि के अलावा दाे अन्य लाेग मूलत: पामगढ़ व वर्तमान में पंप हाऊस निवासी देवेंद्र कुम्हार (45) जाे कर्मचारी था व करुमौह (रजगामार) निवासी शत्रुघ्न धिरहे (60) पड़े मिले। शत्रुघ्न धिरहे अपने बेटे मनाेज के साथ रकम निकालने बैंक पहुंचे थे तब आगजनी की घटना हाे गई। मनाेज किसी तरह खिड़की से बाहर कूद गया लेकिन उसके पिता घबराकर कूद नहीं सके और बचने के लिए शाेरूम के अंदर की ओर जाकर फंस गए थे। तीनाें मृतक जले नहीं लेकिन धुएं से दम घुटने की वजह से उनकी माैत हाे गई।

10 दमकल के साथ संयुक्त टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन 

आगजनी की सूचना पर सबसे पहले नगर सेना की दमकल टीम पहुंची।  पुलिस कंट्राेल रूम से सभी  उपक्रमाें की दमकल काे सूचना देकर पहुंचने को कहा गया। जिसके बाद नगर सेना की एक और टीम, बालकाे से 2 टीम, सीआईएसएफ एनटीपीसी की 2 टीम, डीएसपीएम, एचटीपीपी व एसईसीएल कुसमुंडा की 1-1 टीम मिलाकर कुल 10 दमकल टीम पहुंची। दमकल में पानी रिफलिंग के लिए नगर निगम की टैंकर लगी रही। वहीं ऊंचाई पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए नगर निगम की 2 लिफ्टर पहुंच गए थे। आग काबू में नहीं आता देख शाेरूम के खिड़कियाें पर हुई जुड़ाई काे ताेड़ने के लिए पार्षद चंद्रलाेक सिंह की मदद लेकर एक्सीवेटर व हाइड्रा काे भी लगाया गया। संयुक्त टीम के प्रयास से साढ़े 4 घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। शहरवासियाें ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयाेग किया। घायलाें काे अस्पताल पहुंचाने बालकाे व स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस के साथ चिकित्सा टीम भी लगी रही।

कलेक्टर-एसपी समेत अधिकारी डटे रहे माैके पर 

शहर में आगजनी की बड़ी घटना हाेने की जानकारी मिलते ही दाेपहर में कलेक्टर संजीव झा समेत एसपी उदय किरण, नगर कमिश्नर प्रभाकर पांडेय, सीएमएचओ डाॅ. एसएन केसरी, एसडीएम सीमा पात्रे, तहसीलदार मुकेश देवांगन समेत तमाम प्रशासनिक-पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे। शाम 6 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन बंद हुआ तब तक अधिकारी माैके पर डटे रहे। वहीं डीएसपी ट्रैफिक शिवचरण सिंह परिहार, सायबर सेल एवं बालकाे थाना प्रभारी निरीक्षक सनत साेनवानी, सिविल लाइन थाना प्रभारी निरीक्षक नितीन उपाध्याय, उरगा थाना प्रभारी निरीक्षक तेजकुमार यादव के साथ उनकी टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में व्यवस्था बनाए रखने जुटी रही। सायबर सेल के जवान दमकल टीमाें के साथ राहत एवं बचाव कार्य में जुटे रहे।

4 दशक पहले की काम्पलेक्स, अब यह हाल है

ट्रांसपाेर्टनगर के जिस व्यवसायिक काम्लेक्स में आगजनी की घटना हुई वह करीब 4 दशक पहले साडा के दाैरान वर्ष 1984 में बनी है। बिल्डिंग के पीछे हिस्से के भूतल में प्रेस काम्लेक्स संचालित है। दुकान व संस्थान लीज पर चल रही है। नगर निगम के बिल्डिंग के मरम्मत पर ज्यादा ध्यान नहीं देने के कारण ऊपर से छज्जा टूटकर गिरने लगा है। प्रेस काम्लेक्स में कई बार लाेग ऊपर से गिरे मलबा से बाल-बाल बचे हैं।

इस तरह केबल से उठी चिंगारी से फैली आग

फायर सेफ्टी के इंतजाम थे पर उपयाेग नहीं किया गया

रेस्क्यू ऑपरेशन में माैजूद दमकल कर्मियाें के मुताबिक शाेरूम में फायर सेफ्टी के किसी तरह के इंतजाम नहीं हाेने के कारण वहां आगजनी के दाैरान धुआं भरने से अंदर फंसे तीनाें लाेगाें का दम घुट गया। शाेरूम के सभी खिड़कियाें काे माेटे प्लाई और ईंट की दीवार बनाकर बंद कर दिया गया था। वहां से बाहर धुअां निकलने और हवा आने की जगह नहीं थी। जबकि बैंक में खिड़कियां लगी थी जिस कारण गार्ड सुरक्षित बच गया। हालांकि बैंक में आगजनी से बचाव के लिए फायर फायटिंग सिस्टम लगे हाेने के बाद भी किसी कर्मचारी ने घटना के दाैरान नीचे जाकर वहां लगी आग काे बुझाने के लिए उसका उपयाेग नहीं किया।

चिंगारी उठी ताे लोग बनाने लगे माेबाइल से वीडियाे

बिजली विभाग के डिस्ट्रीब्यूसन बाॅक्स के नीचे केबल में शार्ट-सर्किट हाेने से वहां चिंगारी उठते और फिर फ्लैक्स में आग लगते हुए कई लाेगाें ने देखा। वे पास खड़े हाेकर माेबाइल से घटना का वीडियाे भी बनाते रहे। कई लाेग ज्ञान भी देते रहे कि आग कैसे फैलेगा लेकिन किसी ने आग बुझाने के लिए न ताे उपाय सुझाया और न ही प्रयास किया। जबकि शुरूआत में रेत छिड़क दिया जाता ताे आग का फैलाव नहीं हाेता। रेस्क्यू ऑपरेशन के दाैरान भी माेबाइल से वीडियाे-फाेटाे बनाने के साथ तमाशा देखने के लिए लाेगाें की भीड़ लगी रही। पुलिस के बार-बार उक्त स्थल में हाेने से रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी की बात कहते हुए हटाने के बाद भी नहीं हटते रहे। तमाशबीन हजार रहे लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद करने वाले लोग चंद रहे।

रातभर माैजूद रही पुलिस व दमकल की टीम, 3 बार उठी आग

रेस्क्यू ऑपरेशन शाम 6 बजे बंद हाे गया था। लेकिन रात में फिर से आग न भड़के इसके लिए एहतियातन पुलिस व नगर सेना की दमकल टीम रातभर काम्पलेक्स के सामने डटी रही। बैंक की सुरक्षा के लिए भी गार्ड तैनात रखा गया। सर्च लाइट के जरिए काम्पलेक्स काे उजाले में रखा गया जिससे दाेबारा आग लगने पर रेस्क्यू ऑपरेशन आसानी से हाे सके। रात में 3 बार आग उठी, जिसे बुझा लिया गया। मंगलवार की सुबह भी पुलिस व दमकल की टीम माैजूद है। सड़क के एक हिस्से को पूरी तरह बैरिकेडिंग कर ब्लॉक कर दिया गया है।

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