आखिरी खत : पुलिस अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप, 20 जून को उठाएंगे आत्मघाती कदम

रायगढ़,16 जून ।  रायगढ़ की पुलिस बाहुबलियों के हाथो बिक चुकी है और रायगढ़ विधायक के भारी दबाव में है हमारा पूरा परिवार गुंडों से त्रस्त है। उन्होंने मेरे साथ छेड़ छाड़ किया और मेरे पति का हाथ तोड़ कर लूटपाट किया हथियार के साथ पुलिस अब तक कोई कारवाई नही की है उल्टा पुलिस हमे डरा धमका कर जेल भेजना चाहती है। रायगढ़ में मुख्यमंत्री आए थे उनसे भी नहीं मिलने दिया गया। राष्ट्रपति सहित और समाज के जिम्मेदार लोगों से हमने इच्छामृत्यु की मांग की है। इसपर भी कोई जवाब नही मिला। पुलिस कार्रवाई करने के लिए आज कल कर रही है, लेकिन आज तक कोई कारवाई नही हुई। इसलिए अब हमारे पूरे परिवार वाले ने यह निर्णय लिया है कि 20 जून जगन्नाथ भगवान के रथ यात्रा के दिन हम पूरे परिवार के साथ आत्मयत्या करेंगे और यह पूरा दृश्य पूरे देश को मोबाइल के माध्यम से लाइव दिखाएंगे। बाहुबलियों, पुलिस और नेताओं की मिलीभगत को पूरी दुनिया देखे।”

रायगढ़ पार्षद दंपत्ति मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गई है। पीड़ित पार्षद दंपत्ति ने पुलिस पर अपराधियों के साथ सांठगांठ कर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है वही खुद को न्याय नहीं मिलने पर 20 जून को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव आते हुए पूरे परिवार सहित खुद को समाप्त कर लेने संबंधित पोस्ट भी फेसबुक पर सार्वजनिक किया है।

इस संबंध में पीड़ित पक्ष का कहना है कि उन्होंने पुलिस की ओर से न्याय नहीं मिलता देख राष्ट्रपति से पिछले दिनों इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई थी लेकिन इस पर अब तक कोई जवाब राष्ट्रपति गौर से नहीं आया है। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दौरान जब मुख्यमंत्री शहर में आए तो उनसे मिलकर पीड़ित पक्ष ने इच्छा मृत्यु की गुहार लगानी चाही लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया और यह कहा कि मुख्यमंत्री के जाते ही अपराधियों के ऊपर f.i.r. करते हुए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेज देंगे लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री रायगढ़ से विदा हुए उसके बाद पुलिस के बोल फिर से अपराधियों के पक्ष में ही सुनाई देने लगे। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि रायगढ़ के सीएसपी अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। पीड़ित पक्ष की माने तो अपराधी जूट मिल के बड़े सट्टा खाईवाल हैं जिनसे पुलिस के बेहतर तालुकात हैं यही कारण है कि पुलिस पीड़ित पक्ष की नहीं बल्कि अपराधियों की सुन रही है। पुलिस पर यह भी आरोप पीड़ित पक्ष की ओर से लगाया जा रहा है कि हर अपराध को अंजाम देने के बाद अपराधी थाने में बैठकर चाय पीते हुए नजर आते हैं। ऐसे में अब न्याय की उम्मीद बिल्कुल भी शेष नहीं है। पुलिस के झूठे आश्वासन ने पूरे परिवार कि कानून के प्रति निष्ठा को झकझोर कर रख दिया है। ऐसे में अब आखरी खत सोशल मीडिया के फेसबुक अकाउंट पर महिला पार्षद ने शेयर किया है। साथ ही राष्ट्रपति सहित मुख्यमंत्री एवं पुलिस के उच्चाधिकारियों को भी यह आखरी खत भेजे जाने के बाद पीड़ित पक्ष की ओर से कही जा रही है।

मैं पुष्पा साहू पति निरंजन साहू उम्र- 36 वर्ष कबीर चैक, नवापारा वार्ड क्र.-34, रायगढ़ (छ.ग.) में निवास करती हूं, एवं रायगढ़ नगर निगम में वार्ड क्र.-34 की निर्वाचित पार्षद हूं। मोहल्ले के बाहुबलियों की ओर से मेरी लज्जा भंग कर अपहरण का प्रयास करने वाले और मेरे पति का हाथ तोड़ कर हथियारों के साथ लूटपाट करने वाले पेशे से सट्टा खाईवाल का धंधा करने वाले अपराधियों के विरूद्ध शिकायत पर पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। दिनांक 26/05/2023 को माननीय महोदय को इस घटनाक्रम के संबंध में जानकारी भी डाक के माध्यम से भेजी गई है। फिर भी आरोपियों पर आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस उक्त अपराधियों को थाने में बैठाकर चाय पिला रही है और हमें थानेदार के द्वारा यह कहा जा रहा है कि मुझ पर अधिकारियों का एवं राजनीतिक दबाव है इसलिए मैं कुछ नहीं कर सकता, आपको जो करना है करो।

अपने वादे से पलट गए पुलिस अधिकारी अब कर रहे हैं अपराधियों की पैरवी

दिनांक 01/05/2023 को मुख्यमंत्री रायगढ़ आए हुए थे इस दौरान हमने उनसे मिलने की काफी कोशिश की लेकिन पुलिस ने मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया और टीआई रामकिंकर यादव साहब  ने हमें यह झूठा  आश्वासन देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के जाते ही हम उक्त अपराधियों पर मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे, लेकिन अब पुलिस अपने उक्त वादे से पलट गई है। अपराधियों और रायगढ़ विधायक के दबाव में अब उल्टा ही हम पर मामला दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी की जा रही है। इससे त्रस्त होकर अब हम पूरे परिवार के साथ एक अंतिम कदम 20 जून को उठाने जा रहे हैं।

अब केवल भगवान जगन्नाथ की शरण में ही मिलेगा न्याय

पीड़िता की ओर से आखरी खत में यह लिखा यह है कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दिन ही मैं एवं मेरा पूरा परिवार आत्महत्या कर प्रभु जगन्नाथ की शरण में चले जाएंगे, लेकिन गुण्डों, पुलिस और नेताओं की प्रताड़ना से तंग आकर एक निरीह परिवार को न्याय नहीं मिल पाता है और अंत में यह कदम उठाने को मजबूर होना पड़ता है इस बात की जानकारी देने के लिए हम अपने साथ उठाने वाले उक्त आत्मघाती कदम को शोसल मीडिया में ऑन लाईन डालेंगे ताकि पूरा देश और दुनिया शासन, प्रशासन की नजरंदाजी को भी देख और समझ सके।