दूसरी शादी करने वाला आरक्षक पहली पत्नी को हर महीने देगा 10,000 रुपये

कांकेर,09 जून । बिना तलाक दिये दूसरी शादी करने वाले आरक्षक को प्रतिमाह अपनी पहली पत्नी को 10 हजार रुपये देने का आदेश महिला आयोग ने दिया है। महिला आयोग ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान कहा कि दूसरी शादी हमेशा अवैध और शून्य होता है। इस मामले में आवेदिका ने बताया की उसकी पति आरक्षक एसटीएफ में पदस्थ है। इन दोनों का बेटा उम्र 4 वर्ष है।



अनावेदक ने शासकीय सर्विस बुक में अपनी पत्नी का नाम दर्ज कराया है, किन्तु अपने बेटे का नाम दर्ज नहीं कराया है। दोनों पक्षों का वैधानिक तलाक नहीं हुआ है और दोनो वैधानिक रूप से पति पत्नी है। अनावेदक दूसरा विवाह किया है जो अवैध एवं शून्य विवाह किया है। अनावेदक एसटीएफ जंगलवार में पदस्थ है और उसे बताया गया है कि सिविल सेवा आचरण के तहत कार्यवाही प्रस्तावित किया जा सकता है।

उभय पक्ष को समझाइश देने पर अनावेदक अपने पत्नी को उसके बैंक खाते में अपनी वेतन से 10- हजार प्रतिमाह देने को सहमत है। सुनवाई की प्रति पुलिस अधीक्षक दुर्ग एसटीएफ कार्यालय बघेरा जिला दुर्ग को पत्र प्रेषित किया जाएगा ताकि आवेदिका के बैंक खाता में अनावेदक की वेतन से 10 हजार रुपये प्रतिमाह नियमित रूप से मिलता रहेगा। अनावेदिका को समझाइश दिया गया है आवेदिका एवं उसके पति की वैवाहिक जीवन में दखलंदाजी न करें ।



छत्तीसगढ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य बालो बघेल ने आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 182 वी सुनवाई हुई कांकेर जिले में आयोजित जन सुनवाई में 17 प्रकरणों पर सुनवाई की गई। आज सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका अनावेदक की बहु है, आवेदिका के पति का मृत्यु 2021 में हुई थी आवेदिका अपने मायके में रह रही है, जिसकी एक बेटी है।

आवेदिका की मांग है कि अनावेदकगण के घर में जो समान है वह उसे दिलाया जाए, जिसने अलमारी, टेबल दियान, टी.पी. जैसे सामान है। अनावेदक पक्ष का कथन है कि सारा सामान अनावेदिका पक्ष के आमदनी से खरीदा गया है, जो उसके मायके का सामान हैं, उसे देने को तैयार है। आवेदिका अपने मृत पति का 10 लाख चेक की बात कर रही है जो अनावेदक इंकार कर रहा है।

आवेदिका के घरेलू सामग्री को दिलाने के लिए आयोग की ओर से तुलसी मानिकपुरी को नियुक्त किया गया है, वह खांजूर धाना से किसी पुलिस आरक्षक को लेकर अनावेदक के घर से आवेदिका को दिलाये और सूची तैयार कर सामग्री प्रदाय करावे तथा प्रदायित सामग्री को राज्य महिला आयोग को प्रेषित करने निर्देश दिया गया, पश्चात प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाने के निर्देश दिये।



अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनों की काउसलिंग किया गया न तो अनावेदक पक्ष आवेदिका को रखने को तैयार है और न ही भरण पोषण देने को तैयार है, अनावेदक द्वारा माह में एक हजार कमाने की बात कही, पूरे प्रकरण को विस्तार से सुनने पर यह प्रकरण आवेदिका के साथ प्रताड़ना से है। आवेदिका संबंधित थाना में एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार रखती है, प्रकरण को आयोग ने नस्तीबद्ध किया। अन्य प्रकरण उभ पक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया की अनावेदक के विरुद्ध 488 ममला का प्रकरण दर्ज कराया गया है।

लेकिन न्यायालय में प्रकरण किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है, दोनों पक्षों ने अपने सुलह हेतु समय चाहा गया है, दोनो पक्षो को सुलह वार्ता हेतु अधिवक्ता एवं संरक्षण अधिकारी को भेजा गया है। प्रकरण थोडी देर बाद रखा जाए उभयपक्ष ने अनुरोध किया कि महिला आयोग में सलहवार्ता की कोशिश दोनों पक्षों के द्वारा की जाएगी, जुलाई माह में प्रकरण रायपुर में सुनवाई हेतु रखी जावेगी।

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