नई दिल्ली । सरकार ने देशभर में अब तक सात सौ 33 वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए है और महिला सुरक्षा के लिए तीन सौ और ऐसे सेंटरों के लिए बजट स्वीकृत किया है। इन वन स्टॉप सेंटरों में एक छत के नीचे हिंसा या परेशानी से पीडित महिलाओं के लिए पुलिस, चिकित्सा सहायता, कानूनी सहायता और परामर्श और अस्थाई आश्रय प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए यह बात कही।
पिछले नौ वर्ष में देश में महिला कल्याण केंद्र की कई पहल को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में इस समय 34 से अधिक महिला हेल्प लाइन कार्यरत हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी सेवाओं को देश में मजबूत बनाया गया है और सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को स्मार्टफोन मोबाइल से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ग्यारह लाख स्मार्टफोन वितरित किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि पोषण ट्रैकर प्रणाली स्थापित की गई है और नौ करोड़ से अधिक लाभार्थी इसका फायदा उठा रहे हैं। सुश्री ईरानी ने कहा कि मातृत्व लाभ योजना-प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत देश में लगभग तीन करोड़ 32 लाख महिलाओं के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ भुगतान के माध्यम से 13 हजार छह सौ पच्चास करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने देश में एक हजार 23 फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित की हैं, जिनमें से चार सौ 18 ऐसी अदालतें विशेष रूप से यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों की सुरक्षा संबंधी कानून-पॉक्सो अदालतें हैं।
सुश्री ईरानी ने आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए कोई एक परियोजना नहीं चलाई, जबकि पिछले नौ वर्ष में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने निर्भया फंड सहित 12 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्थापित की हैं।
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