कोल्हापुर में टीपू-औरंगजेब को लेकर हिंसा: SRPF की चार कंपनी, 300 कॉन्स्टेबल-60 अफसर तैनात, अब काबू में हालात

कोल्हापुर। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। गुरुवार को शहर में अधिकतर दुकानें खुली देखी गईं। वहीं लोग रोजमर्रा की जरूरत का सामान खरीदते नजर आए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार दोपहर से स्थिति में सुधार हुआ है। शहर में हर जगह पुलिस तैनात है। वहीं, हिंसा को लेकर अब तक कम से कम 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

6 जून को भड़की थी हिंसा

गौरतलब हैं, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में 6 जून को कुछ युवकों ने सोशल मीडिया पर औरंगजेब के समर्थन में पोस्ट किया था। दूसरे दिन कुछ स्थानीय लोगों ने टीपू सुल्तान की तस्वीर के साथ कथित तौर पर आपत्तिजनक ऑडियो संदेश को सोशल मीडिया स्टेटस में लगाया। इसके बाद आसपास के इलाकों के राजनीतिक और सामाजिक संगठन बुधवार को प्रदर्शन करने के लिए उतर आए। इस प्रदर्शन के दौरान किसी ने भीड़ पर पथराव कर दिया। इससे स्थिति बिगड़ गई और इलाके में हिंसा फैल गई थी। 

धारा 144 लागू

बता दें, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुई हिंसा के बाद पुलिस एक्शन जारी है, जहां पर पुलिस ने कुल 36 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनमें से 2 नाबालिग हैं। हाल की हुई घटना को लेकर कोई अफवाह नहीं फैल पाए इसके लिए प्रशासन ने इलाके में इंटरनेट बैन कर दिया है और धारा 144 भी लागू कर दी है। इसके अलावा, कोल्हापुर पुलिस ने आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर पांच मामले दर्ज किए हैं। इनमें से दो मामलों में किशोर समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है।

शहर में जगह-जगह पुलिस

कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने कहा कि बुधवार दोपहर स्थिति में सुधार हुआ है। सख्ती और हिंसा को फिर से भड़कने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है। इसी के चलते 4 एसपीआरपीएफ, 300 पुलिस कॉन्स्टेबल और 60 अधिकारी तैनात हैं। 

स्वतंत्र समिति के गठन का निर्देश 

उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि जिला अभिभावक मंत्री दीपक केसरकर ने शाम को एक शांति समिति की बैठक की। उन्होंने कहा कि विभिन्न संगठनों और समुदायों के सदस्यों ने शहर में शांति बनाए रखने का संकल्प लिया। वहीं, एक विज्ञप्ति के अनुसार, कोल्हापुर में सभी त्योहारों को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए सभी समुदायों के सदस्यों को शामिल करते हुए अलग-अलग शांति समितियों का गठन करने का निर्देश दिया है। साथ ही शहर में किसी भी सांप्रदायिक कलह को रोकने के लिए एक स्वतंत्र समिति के गठन का भी निर्देश दिया है।