लंदन। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बुधवार (सात जून) से होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल मुकाबले के साथ ही विश्व को टेस्ट का नया बॉस मिलेगा। पिछले फाइनल में भारतीय टीम को न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ा था और अब कप्तान रोहित शर्मा की टीम के पास फिर से टेस्ट चैंपयनशिप की गदा उठाने का मौका है। इसके साथ ही भारत की नजरें अपने पिछले 10 साल के आईसीसी खिताब के सूखे को खत्म करने पर भी रहेगी। भारत ने पिछली बार आईसीसी का खिताब 2013 में इग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में जीता था।
तीन बार फाइनल में हारा
चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतने के बाद भारत को आईसीसी के टूर्नामेंट में तीन बार फाइनल में शिकस्त मिली है जबकि टीम चार बार सेमीफाइनल में हारी है। टीम 2021 टी-20 विश्वकप के शुरुआती दौर से ही बाहर हो गई थी। मौजूदा चक्र की छह सीरीज में से भारत ने एकमात्र सीरीज दक्षिण अफ्रीका में गंवाई थी जिसके बाद विराट कोहली ने कप्तानी छोड़ दी थी। रोहित शर्मा को टीम की अगुआई करने की जिम्मेदारी मिली।
चौथे तेज गेंदबाज का बेहतर विकल्प
भारत ने दो साल पहले साउथैंप्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ परिस्थितियों को नजरअंदाज करते हुए दो स्पिनरों को खिलाया था, लेकिन यह फैसला उलटा पड़ गया था। भारत अश्विन और जडेजा की स्पिन जोड़ी को खिलाने को लेकर उत्सुक होगा, लेकिन इंग्लैंड में गर्मियों की शुरुआत है और तरोताजा पिचों पर चौथा तेज गेंदबाज बेहतर विकल्प है। शमी और सिराज अंतिम एकादश में खेलेंगे जबकि तीसरे गेंदबाज के तौर पर उमेश और शार्दुल चुनौती देंगे।
विकेटकीपर की गुत्थी सुलझाना जरूरी
भारतीय टीम प्रबंधन के लिए विकेटकीपर की गुत्थी सुलझाना भी अहम है। ईशान किशन और केएस भरत में से किसी एक को विकेटकीपर के तौर पर अंतिम एकादश में शामिल करना मुश्किल फैसला है।
रोहित शर्मा और पैट कमिंस
पुजारा से अच्छे की आस
भारतीय टीम के खिलाड़ी आईपीएल-16 टी-20 लीग खेलकर सीधा लाल गेंद की क्रिकेट में खेलेंगे जो उनके लिए आसान नहीं होगा। हालांकि टीम के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा पहले से ही इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे। वह मौजूदा समय में इंग्लैंड के हालात से वाकिफ हैं और उन्होंने काउंटी में अच्छा प्रदर्शन किया था। अब उनसे फाइनल में भी अच्छे की आस है।
18 महीने बाद रहाणे बेताब
इस मुकाबले को ‘अल्टीमेट टेस्ट’ कहां जा रहा है और अजिंक्य रहाणे 18 महीने बाद टेस्ट टीम में वापसी कर रहे हैं। उन्होंले हाल ही में आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया था और वह अपनी इस लय को जारी रखाना चाहेंगे। लेकिन टी-20 क्रिकेट से लाल गेंद के टेस्ट प्रारूप में खेलना उनके लिए आसान नहीं रहेगा।
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल
सलामी जोड़ी और कोहली की परीक्षा
इस फाइनल में सलामी जोड़ी रोहित शर्मा और युवा बल्लेबाज शुभमन गिल के साथ अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली की भी परीक्षा होगी। टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने का जिम्मा रोहित और गिल के कंधों पर रहेगा तो कोहली से टीम को बड़ी पारी की उम्मीद है।
स्मिथ भारत के लिए खतरा
कप्तान पैट कमिंस की टीम ऑस्ट्रेलिया को अगर बड़े स्कोर से रोकना है तो भारतीय गेंदबाजों को अनुभवी बल्लेबाज स्टीव स्मिथ को जल्दी आउट करना होगा। स्मिथ का प्रदर्शन ओवल मैदान पर अच्छा रहा है और उनका औसत 100 का है। वहीं, नाथन लियोन भारतीय बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं तो कैमरन ग्रीन की ऑलराउंड भूमिका अहम रहेगी जिनका प्रदर्शन आईपीएल-16 में शानदार रहा था। उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशाने और डेविड वॉर्नर को भी हल्के में लेना टीम के लिए भूल होगी।
रोहित शर्मा और पैट कमिंस – फोटो : ICC/Twitter
मिचेल स्टार्क को खेलना कड़ी चुनौती
ओवल के तेज गेंदबाजों के हालात में ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क को खेलना भारतीय बल्लेबाजों के लिए चुनौती रहेगी। हालांकि भारतीयों ने स्टार्क के खिलाफ जयदेव उनादकट, स्थानीय बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के खिलाफ अभ्यास किया था।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं:
ऑस्ट्रेलिया: पैट कमिंस (कप्तान), स्कॉट बोलैंड, एलेक्स कैरी, कैमरन ग्रीन, मार्कस हैरिस, जोश हेजलवुड, ट्रेविस हेड, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, नाथन लियोन, जोश इंग्लिस, टॉड मर्फी, स्टीव स्मिथ, मिशेल स्टार्क, डेविड वार्नर।
रिजर्व: मिचेल मार्श और मैट रेनशॉ।
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), रविचंद्रन अश्विन, केएस भरत, शुभमन गिल, रविंद्र जडेजा, विराट कोहली, इशान किशन, चेतेश्वर पुजारा, अक्षर पटेल, अजिंक्य रहाणे, मुहम्मद शमी, मुहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, जयदेव उनादकट, और उमेश यादव।
रिजर्व : यशस्वी जायसवाल, मुकेश कुमार और सूर्यकुमार यादव।
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