गौठानों में आजीविकामूलक गतिविधियों से जुड़ महिलाएं बढ़ रहीं स्वावलम्बन की ओर

सुकमा ,06 जून ।   शासन की जनकल्याणकारी नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी योजना के तहत गौठानों में आजीविका गतिविधियों से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर हुई है। आज ये महिलाएं घरेलू कामकाज के अलावा उत्साह और लगन के साथ आजीविकामूलक कार्यों को भी कर रहीं हैं। जिले के गौठानों में विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें मुर्गीपालन का कार्य कर लाभ कमा कर समूह की महिलाएं अपनी सफलता की कहानी बना रही हैं।

जिला प्रशासन के सहयोग से विकासखण्ड छिंदगढ़ के ग्राम गौठान कांजीपानी में स्वयं सहायता समूह की दीदियां बीवी-300  प्रजाति के मुर्गी पालन कर अण्डा विक्रय से अच्छा लाभ कमा रहीं हैं। कांजीपानी गौठान के कल्याणी समूह की अध्यक्ष  जमनी नेगी दीदी बताती हैं कि 4 माह पूर्व आजीविका के रूप में उन्होंने यह कार्य प्रारंभ किया। वर्तमान में रोजाना 700 नग अण्डे का उत्पादन किया जा रहा है। जिसे सुपोषण मे सहायक लेयर मुर्गीयों से उत्पादित अंडो को आश्रम छात्रावासों पोटाकेबिन मे अध्ययनरत छात्र /छात्राओं एवं आंगनबाड़ी केंन्द्रो के बच्चों को बौद्धिक एवं शारीरिक विकास हेतु विक्रय कर स्वालंम्बन दिशा मे अग्रसर हो रही है । अभी तक इनके द्वारा कुल 7 लाख  71 हजार 816 रुपए से अधिक  का अण्डा विक्रय किया जा चुका हैं ।

वर्तमान में उनके द्वारा अण्डा उत्पादन का कार्य सतत् रूप से किया जा रहा है। जमनी नेगी दीदी  प्रेरणा स्त्रोत के रूप में अपने समूह की दीदीयों को आजीविका गतिविधि करने हेतु प्रेरित कर रही है और बताती है कि अब हम खुद सक्षम होने के साथ-साथ अपने परिवार की आय में योगदान दे रही है। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से सक्षम होना वास्तव में सुखद अनुभूति है, प्राप्त आमदनी को उन्होंने बच्चों की पढ़ाई में निवेश किया और घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में उपयोग किया है। इसी प्रकार कांजीपानी में धनबाई महिला स्व सहायता समूह खरीदे गए गोबर से  वर्मी कंपोस्ट का निर्माण कर विक्रय कर रही है। साथ ही मुंडी माता स्व सहायता समूह भी सक्रियता के साथ गौठान में कार्य कर रही है।

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