नदी का आधा पानी सूखा, किनारे बसे 200 गांवों में बढ़ा निस्तारी का संकट

पंडरिया, 03 जून। नगर से होकर गुजरने वाली जिले की सबसे बड़ी हाफ नदी अब पूरी तरह से सूख चुकी है। करीब 35 किलोमीटर लंबी इस नदी के किनारे बसे 200 से अधिक गांवों में निस्तारी का संकट बढ़ गया है। नदी में कुछ गड्ढों में ही पानी है, वह भी दो-चार दिन में सूख जाएगा। बीते दो साल से लगातार मई व जून महीने में हाफ नदी सूख रही है। उल्लेखनीय है कि हाफ नदी में बहाव टूटने के कारण नदी किनारे स्थित गांवों में लोगों की परेशानी बढ़ गई है। दिनोंदिन भीषण गर्मी की वजह से निस्तारी संकट होने लगा है।

पंडरीपानी- दलदली के बीच मैकल पर्वत से उद्गम

हाफ नदी पंडरिया के पंडरीपानी-दलदली के मध्य मैकल पर्वत श्रृंखला से निकलती है। जो मुंगेली व बेमेतरा जिले से होते हुए नांदघाट के पास शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इस नदी की लंबाई करीब 35 किलोमीटर है, जो जिले की सबसे बड़ी व लंबी नदी है। करीब 10 वर्ष पूर्व यह नदी सदावाहिनी नदी के रूप में थी, जिसमें पूरे वर्ष पानी का बहाव रहता था। लेकिन आाश्चर्य की बात है कि विगत 6-7 वर्षों से यह नदी गर्मी के मौसम में सूख रही थी।

नदी सूखने के बाद आसपास के बोरपंपों का जलस्तर गिरा

क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि नदी सूखने के बाद गांव में स्थित हैंडपंप का जल स्तर नीचे गिर गया है। हैंडपंप से केवल 2-2 घंटे के भीतर पानी निकल रहा है। गांव के ज्यादातर हैंडपंप करीब 220 से 280 फीट तक खुदाई की गई थी। इन बोर में पानी की कमी है। ग्रामीणों को निस्तारी के लिए भटकना पड़ रहा है। पहले नदी किनारे स्थित हर गांव में हाफ नदी के पानी से सब्जी उत्पादन हुआ करता था। अब सब्जी उत्पादन नहीं हो पा रहा है।