रायपुर,29 मई । राजधानी में एक नशेड़ी युवक द्वारा विदेश से अपने लिए नशा मंगाए जाने का खुलासा हुआ है। यह खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि नशेड़ी की मां ने किया है, जिसकी शिकायत पर पुलिस ने युवक के खिला FIR दर्ज कर लिया है। वहीं आरोपी युवक का नशा मुक्ति केन्द्र में इलाज चल रहा है। अवंति विहार तेलीबांधा निवासी सीमा सच्चर ने थाना तेलीबांधा में रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसका पुत्र यश सच्चर, उम्र 26 साल, जो नशा करने का आदी है, और उसे करीब एक माह पूर्व शुद्धि नशा मुक्ति केन्द्र, दलदल सिवनी, पंडरी रायपुर में भर्ती कराया गया है।
सीमा सच्चर को आज से करीब 12-15 दिन पूर्व एक पार्सल रजिस्ट्रर्ड डाक के माध्यम से जिस पर मैक्सिको का टिकट लगा हुआ था, प्राप्त हुआ, जो उसके लड़के यश सच्चर के नाम से आया था। पार्सल में लिफाफा के अंदर नशीला पदार्थ होना प्रतीत हो रहा है। इसके पूर्व भी 02-03 बार पार्सल उसके लड़के के नाम से आया था, जिसे उसके लडके के द्वारा प्रार्थिया को देखने नहीं दिया गया था। जिस पर प्रार्थिया उक्त नशीला पदार्थ को थाना तेलीबांधा लेकर गयी।
जांच में निकला मैजिक मशरूम साइक्लोसिन ड्रग
तेलीबांधा पुलिस की टीम द्वारा उक्त नशीले पदार्थ की जांच करायी गयी। जिस पर उक्त पदार्थ मैजिक मशरूम साइक्लोसिन ड्रग्स होना पाया गया। जिस पर पुलिस टीम के सदस्यों द्वारा मैजिक मशरूम साइक्लोसिन ड्रग्स, वजनी 0.67 ग्राम कीमती 10,000 रूपये को जप्त किया गया। चूंकि प्रार्थिया के पुत्र यश सच्चर पिता संजीव सच्चर उम्र 26 वर्ष, निवासी बी-8 सेक्टर 02 ,अवंति विहार द्वारा उक्त ड्रग्स को मैक्सिको विदेश से आयात कर पार्सल मंगाया गया इसलिए आरोपी यश सच्चर के विरूद्ध थाना तेलीबांधा में धारा 23(ए) नारकोटिक्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किया गया।
नशामुक्ति केंद्र में हो रहा है इलाज
परिजनों के मुताबिक आरोपी यश सच्चर का वर्तमान में दलदल सिवनी पंडरी रायपुर स्थित शुद्धि नशा मुक्ति केन्द्र में उपचार हो रहा है, पुलिस का कहना है कि उपचार के बाद आरोपी से प्रकरण में संबंध में विस्तृत पूछताछ कर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
डिप्रेशन के इलाज में काम आता है मैजिक मशरूम
पुलिस ने सच्चर के माकन में डाक से पहुंचे पार्सल में मिले पदार्थ को “मैजिक मशरूम साइक्लोसिन ड्रग्स” बताया है, पुलिस के मुताबिक यह नशीला पदार्थ है, मगर जानकर बताते हैं कि मैजिक मशरूम से डिप्रेशन का इलाज भी किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है, इसमें मौजूद साइलोसायबिन नाम का कम्पाउंड एंटीडिप्रेसेंट दवा की तरह काम करता है। यह ब्रेन और न्यूरॉन के बीच के कनेक्शन को बेहतर बनाता है। यही कनेक्शन डिप्रेशन को घटाने का काम करता है। यह दावा येल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपनी हालिया रिसर्च में किया है।
“साइक्लोसिन” नाम का कैप्सूल भी मिलता है जो एंटीबायोटिक दवा है जिसे ड्रग-रेजिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे आमतौर पर अन्य दवाओं के साथ इस्तेमाल किया जाता है। इस दवा का इस्तेमाल तब किया जाता है जब बैक्टीरिया अन्य एंटीबायोटिक्स के प्रतिरोध को विकसित कर लेता है। बहरहाल यह जांच का विषय है कि ‘मैजिक मशरूम’ साइक्लोसिन ड्रग का इस्तेमाल नशे के रूप में किया जाता है या किसी और समस्या को दूर करने के लिए।
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