रायपुर ,29 मई । अग्रसेन महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय तथा आई.क्यू.ए.सी द्वारा अदिति प्रकाशन रायपुर के साथ संयुक्त रूप से आयोजित तीन-दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला सोमवार से शुरू हुई। “गुणवत्तापूर्ण शोध-पत्र का लेखन एवं प्रकाशन” विषय पर आयोजित ”इस कार्यशाला के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि पंडित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बंशगोपाल सिंह ऑनलाइन प्लेटफोर्म पर शामिल हुए। वहीं पं. रविशंकर शुक्ल विवि में प्रबंध संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ ए.के. श्रीवास्तव कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे।
मुख्य अतिथि डॉ सिंह ने कहा कि शोध में गुणवत्ता के साथ उसका समाज उपयोगी होना भी परम आवश्यक है। वर्ना शोध सिर्फ अकादमिक दायरे तक ही रह जाता है। आज के विशिष्ट अतिथि डॉ. एके श्रीवास्तव ने कहा कि शोध में समाज के लिए भविष्य की कोई दृष्टि रहे, तथा वह समाज की समस्या का समाधान प्रस्तुत कर सके, यह उसकी उपयोगिता को दर्शाता है। उन्होंने शोध में श्रेष्ठ भाषा और सटीक जानकारी तथा विश्लेषण को भी जरुरी बताया।
तकनीकी सत्र में डॉ. तपेशचन्द्र गुप्ता ने रिसर्च जर्नल के विभिन्न प्रकारों की चर्चा की। उन्होंने पीयर-रिव्यूड या यू.जी.सी. केयर-लिस्टेड जर्नल-स्कोपस में रिसर्च पेपर प्रकाशित करने के लिए आवश्यक मापदंडों के बारे में भी विस्तार से बताया। डॉ गुप्ता ने कहा कि यू.जी.सी. द्वारा अनुमोदित रिसर्च जर्नल में शोध पत्र प्रकाशित होने पर अकादमिक मूल्यांकन में अतिरिक्त अंक मिलते हैं। साथ ही शोध सम्बन्धी कार्यों में भी इसे विशेष महत्व मिलता है।
इसे उपरान्त डॉ एफ.बी. सिंह ने शोध पत्र तैयार के लिए श्रेष्ठ शीर्षक तैयार करने के सूत्र बताये। उन्होंने शोध पत्र की प्रस्तावना को प्रभावी तरीके से लिखे के लिए महत्वपूर्ण बिंदु भी बताये। डॉ सिंह ने कहा कि शीर्षक इस पर आकार होना चाहिए, जिससे पाठक उसे देखते ही पूरा शोध आलेख पढ़ने को प्रेरित हो सके। उन्होंने शोध शीर्षक के प्रभावशाली होने को भी रेखांकित किया। अपने संबोधन के बाद दोनों वक्ताओं ने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए।
इससे पहले अपने स्वागत भाषण में डायरेक्टर डॉ वी.के. अग्रवाल ने कहा कि अग्रसेन महाविद्यालय में प्राध्यापकों और शोधार्थियों को अकादमिक वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रसारण के कारण इससे रायपुर के अलावा देश और प्रदेश के अन्य स्थानों से शोधार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर और वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि शोध लेखन जैसे गंभीर विषय पर विशेषग्य वक्ताओं ने जिस सरलता से जानकारी दी, वह प्रतिभागियों के लिए निश्चित ही उपयोगी साबित होगी।
आभार प्रदर्शन करते हुए प्राचार्य डॉ युलेन्द्र कुमार राजपूत ने कहा कि महाविद्यालय में अनुभवी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में अकादमिक आयोजनों के जरिये लगातार एक उच्चस्तरीय शैक्षणिक वातावरण तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है।कार्यशाला में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों की सक्रिय भागीदारी रही। सत्र का संचालन प्रबंध संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ शोभा अग्रवाल ने किया। सत्र का सारांश डॉ डॉली पाण्डेय ने प्रस्तुत किया। मंगलवर की कार्यशाला में दिन डॉ स्नेहलता बर्डे शोध संरचना एवं शोध प्रविधि के तत्वों की चर्चा करेंगी। साथ ही डॉ प्रदीप चौरसिया “डाटा कलेक्शन एंड एनालिसिस” विषय पर अपना वक्तव्य देंगे।
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