जगदलपुर , 21 मई । बस्तर की ऐतिहासिक धरोहर दलपत सागर के संरक्षण के चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान में एक कड़ी और जोड़ते हुए जलकुंभियों के समूल खात्मे के लिए 2 दो हजार बैक्टिरियल ई बॉल पहली बार प्रायोगिक तौर पर डाले गए। संसदीय सचिव रेखचंद जैन, महापौर सफीरा साहू, इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, कलेक्टर विजय दयाराम ने ई बॉल डालकर दलपत सागर को जलकुंभी मुक्त करने के कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर संसदीय सचिव जैन ने कहा कि दलपत सागर को स्वच्छ बनाने की प्रतिबद्धता हम सभी की होनी चाहिए, क्योंकि यह हमारी धरोहर है। यह कार्य केवल शासन प्रशासन का नहीं है। इसे स्वच्छ करना हम सभी का दायित्व है। जो उत्साह जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी संगठनों के साथ आमजनों में नजर आ रही है, उससे लगता है, कि हमें सफलता अवश्य मिलेगी। नवपदस्थ कलेक्टर विजय द्वारा अंबिकापुर में नगर निगम आयुक्त के तौर पर कार्य करते हुए की गई तालाबों की सफाई के अनुभव का लाभ जगदलपुर सहित बस्तरवासियों को भी मिलेगा।
महापौर सफीरा साहू ने कहा कि पिछले तीन चार वर्षों से दलपत सागर के संरक्षण, संवर्धन, स्वच्छता और सौंदर्यीकरण के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं, जिनका परिणाम भी नजर आ रहा है। हालांकि जलकुंभियों की समस्या अभी भी बनी हुई है। नवपदस्थ कलेक्टर विजय के अनुभव का लाभ लेते हुए अंबिकापुर में की गई तालाबों की सफाई की तरह सागर को भी जलकुंभिमुक्त करने के लिए दलपत सागर में ई बॉल डाले जा रहे हैं। आशा है कि शीघ्र ही दलपत सागर जलकुंभी मुक्त हो जायेगा।
इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि बस्तर के ऐतिहासिक दलपत सागर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए शासन प्रशासन और विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ ही आमजनों का किया जा रहा प्रयास सराहनीय है और यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दलपत सागर के साथ ही गंगामुंडा, भुतहा तरई सहित अन्य तालाबों के संरक्षण और संवर्धन का कार्य भी हमारी सरकार की कार्ययोजना में शामिल है।
कलेक्टर विजय दयाराम के ने कहा कि दलपत सागर बस्तरवासियों की भावनात्मक कड़ी है और यह कड़ी बरकरार रहनी चाहिए। दलपत सागर को लेकर बस्तरवासियो में जो भावना है, वह यहां के लोगों से मैंने महसूस किया है। पिछले कई वर्षो से इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए शासन प्रशासन के साथ आम लोगों ने जी जान से प्रयास किया है और आज भी।निरंतर जारी है। इस धरोहर को बचाने में सबसे बड़ी बाधा जलकुंभी नजर आई है। जलकुंभियों को समूल नष्ट करने के लिए पानी में मौजूद उसके पोषक तत्वों को नष्ट करना आवश्यक है। इसके लिए यहां पहली बार बैक्टिरियल ई बॉल का प्रयोग किया जा रहा है। इसमें शामिल बैक्टीरिया जलकुंभियों के जड़ों को नष्ट करने के साथ ही यहां के पानी के पीएच मान और टीडीएस को भी संतुलित करेंगे। इसका प्रयोग पहले अंबिकापुर के तालाबों में किया जा चुका है, जिसके परिणाम सार्थक रहे। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि दलपत सागर और गंगामुंडा के साथ अन्य तालाबों को भी स्वच्छ और निर्मल बनाने में सफलता मिलेगी।
दलपत सागर से जलकुंभियों को समूल नष्ट करने के लिए ई बॉल
बैक्टिरियल ई बॉल कैल्शियम कार्बोनेट यानी चुना का गोला है, जिसमें मुख्यताः 14 प्रकार के बैक्टीरिया शामिल है। इसमें मौजूद टी 64 और टी 14 जलकुंभी और हाइड्रिला के जड़ को खाता है, वहीं पेउम मौजूद अन्य बैक्टीरिया जलशुद्धि का कार्य करते हुए पी एच मान और टी डी एस को संतुलित करने का कार्य करते हैं। जल के शुद्धिकरण के लिए प्रति एकड़ 720 ई बॉल का प्रयोग की अवश्यकता होगी।
दलपत सागर में चलाया गया स्वच्छता अभियान
दलपत सागर में रविवार को ई बॉल डालने के साथ ही स्वच्छता अभियान भी चलाया गया। इस अभियान में संसदीय सचिव रेखचंद जैन, महापौर सफीरा साहू, इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष कविता साहू, कलेक्टर विजय दयाराम, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रकाश सर्वे, नगर निगम आयुक्त के एस पैकरा सहित जनप्रतिनिधिगण, युवोदय के स्वयंसेवक, दलपत सागर बचाओ अभियान व इंद्रावती बचाओ अभियान से जुड़े सदस्य, राज्य आपदा मोचन बल और वन विद्यालय के कर्मचारी एवं आम नागरिकों ने योगदान दिया।
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