रायपुर ,15 मई । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित प्रेरणा समर कैम्प का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समापन हुआ। समापन समारोह में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सच्चिदानन्द शुक्ल, संयुक्त जिलाधीश उज्जवल पोरवाल, भिलाई आई.आई. टी. के निदेशक राजीव प्रकाश, डॉ. बनारसी साह, ब्रह्माकुमारी सौम्या और रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए।
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सच्चिदानन्द शुक्ल ने समर कैम्प आयाजित करने के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान समय इसकी बहुत अधिक आवश्यकता है। बच्चों में अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। उन्होंने मातृ दिवस पर अपनी माँ का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि उन्हें जीवन मूल्यों की शिक्षा अपनी माँ से मिली। हमारी संस्कृतिमूल्यों पर टिकी है। इसलिए हमें भारतीय संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि इसमें बच्चों में रचनात्मकता की झलक दिखाई देती है।
भिलाई आई आई टी के निदेशक राजीव प्रकाश ने कहा कि यह प्रतिस्पर्धा का युग है जहाँ पर बच्चे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अपना बचपन खोते जा रहे हैं। जिस फील्ड में उनकी प्रतिभा है उस फील्ड में आगे बढऩे की बजाय पीछे पैकेज के पीछे भाग रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि पैकेज के लिए बच्चों से उनका बचपन न छीनें। वह जिस फील्ड में योग्यता रखता है उसी फील्ड में उसे प्रोत्साहित करें।
एडीशनल कलेक्टर उज्जवल पोरवाल ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बच्चों के चारित्रिक विकास में समर कैम्प मददगार बनेगा। उन्हें एकाग्रता विकसित करने में राजयोग साधना सहायक सिद्घ होगा। योग हमें कर्म कुशल बनाता है। यह प्रतिस्पर्धा का जमाना है इसमें सिर्फ सफलता ही नहीं बल्कि असफलता को भी सहन करने की क्षमता हमारे अन्दर होनी चाहिए। दुनिया में हर समस्या का समाधान है इसलिए कभी निराश नहीं होना चाहिए।
रायपुर केन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि बच्चों को सबसे ज्यादा प्रेरणा माता-पिता से मिलती है। बच्चे उनको देखकर वैसा ही बनने का प्रयास करते हैं। उन्होंने समारोह में उपस्थित माता-पिता से अनुरोध किया कि अपना समय टीवी और मोबाईल में व्यर्थ नष्ट करने की बजाय बच्चों के संग बांटें ताकि बच्चों को प्यार मिले और अपनापन पैदा हो। समारोह को माउण्ट आबू से आए डॉ. बनारसी भाई एवं ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर कुछ बच्चों ने अपने संस्मरण सुनाए। समर्थ कलवानी ने बतलाया कि प्रेरणा सिर्फ समर कैम्प नहीं था बल्कि यह मंच था जहाँबच्चे अपनी कला को निखार कर उसका प्रदर्शन कर सकें। कु. शुभाशीं पलई ने बतलाया कि यहाँ उन्हें पता चला कि मन को कैसे दोस्त बनाया जाए? अपनी कमजोरी या समस्या को छिपाना नहीं है बल्कि उसका समाधान प्राप्त करना है। समर कैम्प का श्रेष्ठ छात्र समर्थ कलवानी तथा रविराज द्विवेदी को और श्रेष्ठ छात्रा कु. नीलम साहू एवं शुभांशी पलई को चुना गया।
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