गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’ का नाम हुआ दर्ज

रायपुर।छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन साझा संग्रह में उत्कृष्ट लेखन करने पर जैजैपुर की साहित्यकार डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’ का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया साथ ही संस्कृति विभाग व छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान द्वारा दो अन्य सम्मान प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।


बिलासा साहित्य संगीत धारा एवं छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान, छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में वृंदावन सभागार, रायपुर में 8 मई सोमवार को “छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन” छंदमयी साझा संग्रह पुस्तक का विमोचन छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व सांसद डॉ. नंदकुमार साय के अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री डॉ. रामसुंदर दास महंत, विशिष्ट अतिथि डॉ. विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष राजभाषा आयोग, छत्तीसगढ़ की प्रथम प्रसिद्ध महिला व्यंग्यकार स्नेहलता पाठक, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग सचिव डॉ. अनिल भतपहरी, वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर शर्मा, डॉ. लखन पड़रिया ‘पिली, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी डॉ. सोनल शर्मा, डॉ. माणिक विश्वकर्मा नवरंग, डॉ. उदयभान सिंह चौहान, राष्ट्रीय कवि संगम प्रदेश अध्यक्ष, वरिष्ठ कवयित्री उर्मिला एवं कई विशेष अतिथि व वरिष्ठ साहित्यकारों की उपस्थिति में भव्य विमोचन व सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। 1007 पृष्ठ के इस छंदमयी साझा संग्रह को छत्तीसगढ़ व अन्य 13 राज्यों के 72 साहित्यकारों द्वारा मिलकर 117 प्रकार के छंद में लिखा गया है जिसका संपादन तीन महिला साहित्यकार सुकमोती चौहान ‘रुचि’, आशा आजाद ‘कृति’ एवं माधुरी डड़सेना ‘मुदिता’ द्वारा किया गया है। इस साझा संग्रह में योगदान हेतु 70 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन साझा संग्रह के साथ ही साहित्यकारों की 12 अन्य निजी पुस्तकें एवं एक पत्रिका का भी विमोचन किया गया। कवियों ने कई रसों में सुंदर काव्यपाठ कर दर्शक व श्रोताओं का मन मोह लिया। यह कार्यक्रम दो सत्र में पूर्ण हुआ। डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’ को साहित्य क्षेत्र में प्राप्त इस विशेष उपलब्धि के लिए परिजनों सहित अंचल के सभी मित्रों एवं स्नेही जनों ने सहर्ष बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित किया है।