नई दिल्ली ,09 मई । वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि वित्तीय स्थिरता को मजबूती देने और वित्तीय जोखिम को कम करने के लिए नियामकों को उपयुक्त समय पर कार्रवाई करनी चाहिए। वित्तमंत्री ने कहा कि नियामकों को सूचना प्रौदयोगिकी प्रणालियों की साइबर सुरक्षा से जुडी तैयारी सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि साइबर हमलों के खतरे को कम किया जा सके, संवेदनशील वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखा जा सके और व्यवस्था में सत्यनिष्ठा को बरकरार रखा जा सके। श्रीमती सीतारामन नई दिल्ली में 27 वीं वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की अध्यक्षता कर रही थीं। इस बैठक में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और डॉ भागवत कराड, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, वित्त सचिव, मुख्य आर्थिक सलाहकार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में वित्तीय क्षेत्रों को और विकसित करने के लिए जरूरी नीतिगत और विधायी सुधारों पर विचार करके उन्हें शीघ्रता से लागू करने पर चर्चा हुई। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता को सुनिश्चित करना नियामकों की भी जिम्मेदारी है, इसीलिए उन्हें इस संबंध में निरंतर सतर्क रहना चाहिए। वित्तमंत्री ने कहा कि अनुपालन बोझ को कम करने तथा प्रभावी नियामक माहौल बनाने के लिए नियामकों को एक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। वित्त मंत्री, इस दिशा में हुई प्रगति की प्रत्येक नियामक के साथ अगले महीने समीक्षा करेंगी।
आर्थिक कार्य विभाग के सचिव अजय सेठ ने मीडिया से बातचीत में बताया कि परिषद ने अर्थव्यवस्था में स्थिरता बरकरार रखने सहित अनेक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि बैंकों में जमा राशि, शेयर तथा लाभांश, म्युच्युल फंड और बीमा जैसे सभी वित्तीय क्षेत्रों में बिना दावे और दावे वाली जमा राशियों के निपटान को सरल बनाने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए।
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