कोरबा,08 मई। शैक्षणिक सत्र 2022-23 बीत गया। अब शिक्षा विभाग नए सत्र की तैयारी में जुट गया है। बीता सत्र शिक्षा की दृष्टि से जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले खासकर प्राइमरी आैर मिडिल के बच्चों के लिए बेहतर नहीं रहा। शहर और आसपास के स्कूलों में शिक्षकों की कमी भले ही न हो, लेकिन वनांचल क्षेत्र के स्कूलों में यह विसंगति लंबे समय से चली आ रही है। जिले के 2139 प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में पढ़ाने के लिए शासकीय रिकार्ड के अनुसार 4374 शिक्षकों की जरूरत को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है।
इन स्कूलों की पढ़ाई 1930 शिक्षकों के भरोसे ही चल रही है। इतना ही नहीं, 229 स्कूलों में तो पूरे सत्र की पढ़ाई एक-एक शिक्षकों से ही पूरी हो गई है। जिस तरह से जिले में शिक्षकों की कमी बनी हुई है, उससे बेहतर शिक्षा की उम्मीद करना बेमानी होगा। वर्षों से पदस्थ शिक्षकों को प्रमोशन पालिसी का लाभ तो दिया जा रहा है, लेकिन उनके प्रमोशन के बाद पूर्व में पदस्थ पद फिर से खाली होते जा रहे हैं। इससे जब तक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं होती है, तब तक शैक्षणिक व्यवस्था इसी तरह चलती रहेगी।
पदोन्नति से मूल जगह तो खाली ही रह गई
जिले में प्रधानपाठकों के खाली पदाें को पदोन्नत होने वाले सहायक शिक्षकों से भरा गया है। इसका फायदा पदोन्नत होने वाले सहायक शिक्षकों को प्रधानपाठक बनने से तो हुआ, लेकिन उनकी जगह फिर खाली हो गई। जिले में जितने शिक्षक थे, उतने ही रह गए हैं। अब जब तक सहायक शिक्षकों की भर्ती नहीं होती है, तब तक स्कूलों में पढ़ाने वालों की कमी बनी रहेगी। अन्यथा नए सत्र में भी अध्यापन का कार्य बीते सत्र की तरह ही चलता रहेगा।
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