Aamir Khan के 35 साल : 3 इडियट्स से लेकर दंगल तक – कैसे सुपरस्टार हमेशा रहे हैं सोशल में बदलाव के सबसे बड़े समर्थक

आमिर खान (Aamir Khan) बॉलीवुड के उन मजबूत स्तंभ में से एक माने जाते हैं जिनकी बदौलत इंडियन सिनेमा को एक अलग पहचान मिली हैं। तीन दशकों से ज्यादा के अपने शानदार करियर के दौरान आमिर खान हमेशा दर्शकों के लिए बेहतरीन कंटेंट लाने के लिए लोकप्रिय रहे हैं। और आज जैसा कि हम आमिर के इंडस्ट्री में 35 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, तो हमें लगता है कि उनका नाम ही सिनेमाई एक्सीलेंस, निडरता से अलग फिल्मों और शानदार एक्टिंग कौशल का दूसरा नाम बन चुका है।

उनके शानदार और उल्लेखनीय फिल्मी करियर को ध्यान में रखते हुए, यह एक यूनिवर्सल फैक्ट है कि आमिर सोशल बदलाव के लिए सिनेमा के समर्थक हैं, एक ऐसा व्यक्ति जो कठिन परियोजनाओं और चुनौतीपूर्ण विषयों को लाने के लिए जाना जाता है, जो मानते हैं कि वह मॉडर्न समाज के पाखंडों को चुनौती देते हैं, इसका उदाहरण ‘दंगल’, ‘पीके’ और ‘3 इडियट्स’ जैसी उनकी फिल्में है।

वैसे आमिर खान जिनकी फिल्मों ने सालों से लोगों को भरपूर एंटरटेन किया है, उनका विश्वास है कि इस ‘एंटरटेनमेंट’ का भी सही इस्तेमाल किया जा सकता है और राष्ट्र निर्माण और एक हेल्थी प्रोग्रेसिव सोसाइटी बनाने में एक महान योगदान हो सकता है।

जबकि ‘3 इडियट्स’ ने हमें ‘एक्सीलेंस हासिल करना और सफलता के पीछे नहीं भागना’ सिखाया और मुश्किलों में ‘ऑल इज वेल’ का गुरू मंत्र दिया, वहीं दंगल’ एक नारीवादी-समर्थक कहानी साबित हुई कि कैसे भारतीय समाज के सबसे संकुचित वर्गों की महिलाएं भी पैट्रिआर्की के कलंक से लड़ रही हैं।

यहां हम आमिर खान की अब तक की सबसे कम आंकी गई परियोजना ‘पीपली लाइव’ को कैसे भूल सकते हैं । एक ऐसी फिल्म जिसमें सटायर, हार्ड हिटिंग नरेटिव और गुदगुदाने वाली कॉमेडी है, जो भारत में खतरनाक रूप से बढ़ती किसानों की आत्महत्या को प्रदर्शित करता है, और ‘पीके’ जिसमें आमिर ने सुपरस्टीशन और भारतीय समाय में लोगो के अंधविश्वास जैसी गंभीर समस्या को उठाया हैं।

कह सकते है, आमिर यकीनन माइंड पावर और टैंलट का एक आदर्श संयोजन है, जिसने उन्हें ‘परफेक्शनिस्ट’ का टैग दिलवाया है। लेकिन इसके अलावा भी आमिर खान में बहुत कुछ खास है जिसकी वजह से वो आज आमिर खान बने हैं।

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