दिल्ली ,04 मई । डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण पर एक्शन के लिए जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों और पुलिस में बुधवार देर रात झड़प हो गई। कुछ रेसलर्स को चोटें आई हैं। विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत का सिर फूट गया। लगातार 12 दिन से धरना दे रहे रेसलर्स ने गुरुवार को कहा कि यही दिन देखने के लिए हम देश के लिए मेडल लाए थे। हम सभी मेडल्स भारत सरकार को लौटा देंगे। रेसलर्स से मिलने गुरुवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल, किसान और खाप नेता पहुंचे हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, नवजोत सिंह सिद्धू और बॉक्सर विजेंदर सिंह ने रेसलर्स का सपोर्ट किया है।
एक नाबालिग समेत 7 महिला रेसलर्स ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इसके बाद से ही रेसलर्स बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने के बाद उन पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इस पर आज कोर्ट में सुनवाई भी होनी है। बुधवार रात 10:45 बजे: विवाद तब शुरू हुआ, जब बारिश से बिस्तर और सड़कें भीगने के बाद पहलवान बेड लेकर धरना स्थल आए। आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती भी बेड लेकर पहुंचे। पुलिस ने जब पहलवानों और भारती को रोका तो बहस शुरू हो गई। दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमने समझाने की कोशिश की, लेकिन रेसलर्स उग्र हो गए। हल्की सी झड़प भी हो गई। भारती समेत कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। गुरुवार को धरना स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात है।
इस घटना के वीडियो और फोटोज भी सामने आए। पहलवानों ने कहा कि हम सिर्फ कुछ बेड लेकर जा रहे थे, लेकिन पुलिस वालों ने हम पर हमला बोल दिया। कई पुलिसकर्मी नशे में थे, उन्होंने मारपीट की और अपशब्द कहे। रेसलर्स ने एक पुलिसवाले को पकड़ भी लिया। कहा कि यह नशे में अभद्रता कर रहा था। विनेश ने बताया कि उनके भाई दुष्यंत के सिर में चोट आई है। एक और रेसलर राकेश भी घायल है।
विवाद के बाद पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। रेसलर संगीता फोगाट और साक्षी मलिक फूट-फूट कर रोने लगीं। इन्होंने हाथ जोड़े और कहा कि हमारी मदद करिए। विनेश ने बताया कि वो पलंग लेने जा रही थीं, इसी दौरान पुलिसकर्मी ने उनके साथ गाली गलौज और बदतमीजी की। विनेश ने रोते हुए कहा- क्या इसी दिन के लिए हम देश के लिए मेडल लेकर आए थे। बृजभूषण सुकून से सो रहे हैं और हम यहां लाठियां खा रहे हैं। बजरंग पुनिया ने कहा कि यह हमारे देश की वह बहन-बेटियां हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है। बजरंग ने अपील की कि सभी लोग सुबह जंतर-मंतर पहुंचें, वरना यहां पर कोई नहीं बचेगा।
बजरंग पुनिया ने एक और वीडियो जारी किया। कहा कि धरना स्थल पर ना आएं, क्योंकि यहां आने वालों को हिरासत में ले लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें मुद्दे से भटकाने की कोशिश की जा रही है। हमें भटकना नहीं है, किसी के साथ हाथापाई नहीं करनी है। पुलिस ने जंतर-मंतर पर बैरिकेडिंग कर दी। मीडिया को भी वहां से हटा दिया गया। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जंतर-मंतर जा रही थीं, लेकिन कुछ देर बाद ही उन्होंने कहा कि पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुडा को भी रात में ही हिरासत में ले लिया गया।
स्वाति मालिवाल जंतर-मंतर पहुंचीं। यहां विनेश, साक्षी और दूसरी महिला पहलवानों से मुलाकात की। हरियाणा के गांवों से किसान और खाप नेता जंतर-मंतर की ओर रवाना हुए। प्रियंका गांधी, अरविंद केजरीवाल ने समर्थन में बयान दिए। प्रियंका गांधी बोलीं- महिला पहलवानों के आंसू देखकर दुख हुआ। इन्हें न्याय मिलना चाहिए। सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी वायरल है। दावा किया जा रहा है कि बजरंग पूनिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर जंतर-मंतर पर आंदोलनकारी खिलाड़ियों की परेशानियों का जल्द से जल्द समाधान करने की मांग की है। उन्होंने लिखा कि घटना के जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। हालांकि विनेश समेत कई अन्य पहलवानों ने कहा कि कोई चिट्ठी नहीं लिखी गई है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचीं। उन्होंने यहां सभी पहलवानों से बात की। उन्होंने बताया कि वे रात को 1:30 बजे भी जंतर-मंतर आई थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें प्रदर्शनकारियों से मिलने नहीं दिया और जबरदस्ती वहां से पुलिस स्टेशन ले गई। कई घंटे पुलिस स्टेशन में बैठाए रखने के बाद पुलिस ने उन्हें जंतर-मंतर आने दिया। सुबह करीब 10:30 बजे जींद से किसानों ने पहलवानों के समर्थन में दिल्ली की तरफ कूच किया। लेकिन, पुलिस ने 11 बजे उन्हें कुंडली में केजीपी-केएमपी जीरो पॉइंट के पास रोक लिया। ये किसान संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) के सदस्य अभिमन्यु कुहाड़ के नेतृत्व एकत्रित हुए थे।
पहलवानों के समर्थन में मार्च निकाल रहे दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को बुधवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। वहीं, स्टूडेंट्स ने पुलिस पर अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाया था। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उनसे प्रदर्शन के लिए न कोई अनुमति मांगी गई और न ही कोई सूचना दी गई।
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