Raigarh Crime : डीजे एंकर-कम-यूट्यूबर ने अपनी आवाज को बनाया ठगी का हथियार, रायगढ़ की महिला से किया 13.50 लाख की ठगी, आरोपी गिरफ्तार

रायगढ़, 2 मई । छत्तीसगढ़ी फिल्मों में गायन और कार्यक्रमों में एंकरिंग करने वाली महिला के साथ हुई 13.50 लाख की ठगी के मामले में रायगढ़ साइबर सेल और थाना जूटमिल पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार के कुशल दिशा निर्देशन एवं मार्गदर्शन पर शातिर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है जो महिला तथा उसकी बहन और बेटी के साथ तीन अलग-अलग व्यक्तियों की आवाज में बातें कर उन्हें नौकरी लगाने और बेटी की शादी एसईसीएल एंप्लाइज से करने का झांसा देकर ठगी किया है।

घटना को लेकर 8 अप्रैल को थाना जूटमिल में पीड़ित महिला रिपोर्ट दर्ज कराई की वह छत्तीसगढ़ी फिल्मों में गायन और विभिन्न कार्यक्रमों में मंच संचालन का कार्य करती है । करीब 2 साल पहले छत्तीसगढ़ी कार्यक्रम के दौरान उसकी जान पहचान जांजगीर के करनदास महंत से हुई । करनदास महंत को अपने परिवार के बारे में बताई और अपनी लड़की के लिए अच्छा लड़का ढूंढने बोली । इसी बीच एक दिन करन कॉल कर बोला कि लड़की के लिए एसईसीएल चिरमिरी में काम करने वाले युवक दीपक महिलाने नाम का लड़का ढूंढा हूं जिससे लड़की की शादी तय कर दो । उसके कुछ दिनों बाद मोबाइल पर एक युवक का कॉल आया जो स्वयं को दीपक महिलाने बताकर करन द्वारा फोन नंबर देना और शादी के संबंध में बातचीत किया जिसके बाद दीपक महिलाने लगातार महिला, उसकी बेटी और घर परिवारवानों से बातचीत करता था ।

फरवरी 2022 में दीपक महिलाने एक दिन कॉल कर बताया कि एसईसीएल में काम करने वाला एक कर्मचारी की मौत हो गई है, उसकी पत्नी काफी बीमार है और उसके यहां कोई नौकरी करने वाला नहीं है उसके जगह कोई 10वीं, 12वीं पढ़ा लिखा हो तो बताओ नौकरी लगवा सकता हूं । तब महिला अपनी बहन को दसवीं तक पढ़ी होना बताई । कुछ दिन बाद दीपक अपने बड़े अधिकारियों से महिला के बहन की नौकरी का बात कर लिया हूं बोला और बताया कि इसके अलावा चपरासी की नौकरी भी खाली है उसे भी लगवा दूंगा । तब महिला अपनी सहेली सुषमा के बारे में बताई और सुषमा से बातचीत की जो चपरासी के नौकरी के लिए राजी हो गई । दीपक महिलाने इन्हें भरोसे में लेने अपने ऑफिस के गुप्ता बाबू के संबंध में बताया और महिला से किओस्क शाखा के माध्यम से ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर कर मंगवाया । नौकरी लगाने की बात दीपक महिलाने द्वारा करन की जानकारी में होना बताकर करन को महिला के घर रुपए लेने भेजा जो महिला से नगद ₹400000 तथा सुषमा से ₹200000 करन लेकर आया । इसी दरम्यान महिला की बहन के अचानक गुम हो जाने पर उसकी गुमशुदगी रिपोर्ट थाना बिलाईगढ़ में दर्ज कराये और दीपक महिलाने और गुप्ता बाबू को फोन कर बताये कि जिसका नौकरी लगाने बात किए थे वह गुम हो गई है । तब महिला अपनी बहने के स्थान पर एक और परिचित को नौकरी लगाने के बात की जो तैयार हो गया । उससे भी दीपक महिला ने कियोस्क शाखा में ₹85000 मंगाया । इस प्रकार अलग-अलग तिथियों में नगद और ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर कर करीब 1500000 रुपए प्राप्त किया और करीब 1 साल तक उन्हें आज, कल नौकरी लग जाएगा कहकर धोखे में रखा । पीड़ित महिला ने करनदास महंत को दीपक महिलाने से आमने-सामने बात कराने को कहने पर करन कुछ ना कुछ बहाना कर टाल दिया करता था । महिला का धैर्य टूटा और उसने थाना जूटमिल में करन दास महंत, दीपक महिलाने और गुप्ता बाबू नाम के व्यक्ति पर धोखाधड़ी का लिखित आवेदन दी । जूटमिल पुलिस द्वारा *अपराध क्रमांक 150/2023 धारा 420, 34 आईपीसी* के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के दिशा निर्देशन पर एडिशनल एसपी संजय महादेवा एवं एसडीओपी धरमजयगढ़/साइबर सेल पर्यवेक्षण अधिकारी दीपक मिश्रा द्वारा प्रकरण की समीक्षा किए और आरोपियों की पतासाजी, गिरफ्तारी के लिए थाना जूटमिल और साइबर सेल की संयुक्त टीम बनाकर टीम को मार्गदर्शन दिया गया । गठित टीम द्वारा सीएसपी श्री अभिनव उपाध्याय के सुपरविजन पर आरोपियों के मोबाइल नंबर और रूपये प्राप्त किये जाने वाले अकाउंट का एनालिसिस कर बिलासपुर पहुंची जहां आरोपी हाथ नहीं आया । अब पीड़ित महिला द्वारा जिस कियोस्क शाखा में रूपये भेजे गये थे । वहां का पता उठाकर टीम कियोस्क शाखा चलाने वाले रजनीश महतिया को हिरासत में लिया जिसने बताया कि वह किओस्क चॉइस सेंटर चलाता है और रुपए भेजने और प्राप्त करने का उसके पास लाइसेंस है । करनदास महंत के द्वारा रुपए मंगाए जाने पर अपना चार्ज काट कर उसके द्वारा बताए गए खाते में डाला करता था । पुलिस की एक टीम आरोपी करण दास महंत के पीछे लगी थी, आरोपी को उसके बेटी के घर में छिपे होने की पुख्ता जानकारी पर रेड कर ग्राम खिसोरा, जिला जांजगीर में पकड़ा गया और हिरासत में लेकर रायगढ़ लाया गया ।

आरोपी करन दास महंत का चौंकाने वाला खुलासा-

आरोपी करनदास महंत बताया कि वह लोकल कलाकार है, डांस, गाने का शौकिन है, कई कलाकारों की मिमक्री करता है । डीजे, पार्टी में एंकरिंग करता है, यूट्यूब पर गाने एल्बम भी अपलोड किया हुआ है । इसकी जान पहचान रायगढ़ की महिला से हुई जिसे यूट्यूब पर उसके चैनल के लिये म्यूजिक एल्बम और शॉर्ट मूवी में काम दिलाने के बहाने से जान पहचान बनाकर उसके पारिवारिक स्थिति को जाना जिसके बाद महिला की बेटी की शादी एसईसीएल एंप्लाइज से कराने के नाम पर जिस दीपक महिलाने नाम के युवक का नाम सुझाया था वह उसकी काल्पनिक सोच थी । यही दीपक महिलाने बनकर अलग आवाज में महिला और उसकी लड़की से बातें करता था । इतना ही नहीं आरोपी द्वारा जिस गुप्ता बाबू का नाम उन्हें भरोसा दिलाने बताया गया था, गुप्ता बाबू कोई और नहीं यही गुप्ता बाबू बनकर एक और अलग आवाज से गुप्ता बाबू बनकर बातें करता था। आरोपी यहीं नहीं रुका इसने महिला की बहन जिसे नौकरी लगाने के नाम पर बातचीत किया उसे बहला-फुसलाकर पत्नी बनाकर रहने का झांसा देकर विवाहित होते दूसरी पत्नी बनाकर रखा हुआ था जिसकी जानकारी आरोपी की विवाहिता पत्नी को नहीं थी । आरोपी को हिरासत में लिए जाने के बाद रायगढ़ पुलिस की टीम से आरोपी करन महंत की पत्नी को जानकारी हुई । आरोपी करनदास महंत ने महिला, उसकी सहेली सुषमा और महिला के परिचित से अलग-अलग समय पर नगद और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के माध्यम से नौकरी के नाम से करीब 13 लाख 50 हजार रुपए प्राप्त करना कबूल किया है ।

आरोपी करन दास मानिकपुरी पिता स्व. झाडूराम मानिकपुरी उम्र 43 साल निवासी ग्राम टांटा बिलासपुर थाना सरसींवा जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ (C.G.)* ने ठगी के रूपयों से एक हुडई कार क्रमांक CG 12- R 1523 तथा एक हिरो स्टेनर बाइक CG 11 AH 0864 और 08 मोबाइल खरीदना बताया और बाकी रूपये जुए और सट्टे की लत और ऐशो आराम में सारे रकम खर्च करना बताया है, *आरोपी के पास से हुंडई कार, स्टेनर बाइक, सट्टा चार्ट, 08 मोबाइल और 13 सिम बरामद कर जब्ती की गई है । आरोपी को थाना जूटमिल के अपराध में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है ।

वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन पर मामले का खुलासा कर शातिर आरोपी की पतासाजी गिरफ्तारी में थाना प्रभारी जूटमिल निरीक्षक रामकिंकर यादव, साइबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक नंद किशोर गौतम, थाना जूटमिल के सहायक उपनिरीक्षक शशि देव भोई, सायबर सेल के प्रधान आरक्षक दुर्गेश सिंह, थाना जूटमिल के आरक्षक बनारसी सिदार, लखेश्वर पुरसेठ, शशि भूषण साहू की अहम भूमिका रही है।

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