Raigarh News : कथा सुनने के बाद जीवन बदलना चाहिए : देवी राधे प्रिया

रायगढ़ ,01 मई  बरमकेला के समीपस्थ ग्राम बेंगची वासियों द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचिका देवी राधे प्रिया ने गौकर्ण और धुंधकारी की कथा का रसपान कराया। कथा सुन भक्त भावविभोर हो गए। देवी राधे प्रिया ने कहा कि अपने कुकर्मों के कारण धुंधकारी प्रेत बन गया। धुंधकारी की मृत्यु के पश्चात् वह अपने कुकर्मों के कारण प्रेत बन गया। उसके भाई गोकर्ण ने उसका गयाजी में श्राद्ध व पिंडदान करवाया, ताकि उसे मोक्ष प्राप्त हो सके। लेकिन मृत्यु के बाद धुंधकारी प्रेत बनकर अपने भाई गोकर्ण को रात में अलग-अलग रूप में नजर आता। एक दिन वह अपने भाई के सामने प्रकट हुआ और रोते हुए बोला कि मैंने अपने ही दोष से अपना ब्राम्हणत्व नष्ट कर दिया।

देवी राधे प्रियाने बताया कि सूर्यदेव ने गोकर्ण को मोक्ष के उपाय बताए। गोकर्ण आश्चर्य में थे कि श्राद्ध व पिंडदान करने के बाद भी धुंधकारी प्रेत मुक्त कैसे नहीं हुआ इसके बाद गोकर्ण ने सूर्यदेव की कठोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने दर्शन दिए। गोकर्ण ने सूर्यदेव से इसका कारण पूछा तब उन्होंने कहा कि धुंधकारी के कुकर्मों की गिनती नहीं की जा सकती, इसलिए हजार श्राद्ध से भी इसको मुक्ति नहीं मिलेगी। धुंधकारी को केवल श्रीमद्भागवत से मुक्ति प्राप्त होगी।

इसके बाद गोकर्ण महाराज जी ने भागवत कथा का आयोजन किया। जिसे सुनकर धुंधकारी को मोक्ष की प्राप्ति हुई और प्रेत योनि से मुक्ति मिली। कथावाचिका ने कथा प्रसंग के माध्यम से बताया कि हमें दुष्ट प्रवृत्ति जैसे पापाचारी, दुराचारी, अत्याचारी व भ्रष्टाचारी व्यवहार से बचना चाहिए।परदोष दर्शन नहीं करना चाहिए तथा परनिंदा नहीं करनी चाहिए। चुगली, द्वेष, इर्षा ये सब बुरी आदतें हैं, इसे छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि अत्यधिक प्रेम, दुलार व धन के कारण माता-पिता कभी-कभी अपने बच्चों को बिगाड़ने का काम करते हैं। उन्हें खुला छूट एवं मनमानी करने देने से वह राह से भटक जाता है। ऐसे में जब लगे कि अपना बेटा या बेटी बिगड़ रहा है तो अपने बच्चों को सम्हालने के लिए उन पर प्रतिबंध लगाएं इससे लिए कड़ा अनुशासन जरूरी होता है। देवी राधे प्रिया जी ने कहा कि कथा अपने जीवन को सुधारने के लिए होती है।अपना स्वभाव,आदतें सुधार लीजिए तभी कथा की सार्थकता पूरी होती है।

वृन्दावन धाम बना ग्राम बेंगची :जगन्नाथ पाणिग्राही
द्वितीय दिवस की पावन कथा में प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य एवं महासमुंद जिला प्रभारी जगन्नाथ पाणिग्राही अपने साथियों समेत कैलाश पण्डा, मनोहर पटेल, चूड़ामणि पटेल एवं वासुदेव चौधरी के साथ ग्राम बेंगची पहुंचे। मौके पर उन्होंने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि भारत के वाङ्मय में सर्वोत्कृष्ट स्थान रखने वाला है श्रीमद्भागवत महापुराण। श्रीमद्भागवत विश्व के ऐसे धरोहरों में से एक है जिसे आज संपूर्ण ब्रह्मांड संपूर्ण विश्व के लोग इसकी तथ्यों का खोज कर रहे हैं। पांच हजार साल पहले व्यास जी ने इसकी रचना की जिसे परीक्षित जी को शुकदेव जी ने सुनाया। पाणिग्राही ने बताया कि इस कथा में जो रहस्य है वो रहस्य मानव मात्र के उद्धार के लिए है। अत्यंत पुण्य और सौभाग्य की बात है कि आज हमें इस कथा में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हुआ है।