सेक्टर-9 हाॅस्पिटल में जन्में ट्रिपलेट बच्चों का कंगारू मदर केयर से उपचार

भिलाई ,30 अप्रैल  सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय और अनुसंधान केंद्र, सेक्टर-9 को चिकित्सा क्षेत्र में सदैव समर्पित और उत्तरदायित्व निर्वहण हेतु मध्य भारत का अग्रणी संस्थान है। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के नवजात शिशु विभाग द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने का अनवरत प्रयास जारी है। नवजात शिशु इकाई में विगत दिनों ट्रिपलेट बच्चों (राखी जैन के 3 बच्चे) का जन्म सफलतापूर्वक हुआ जो कि समय से पूर्व पैदा हुए और कम वजन (क्रमशः 1520 ग्राम, 1780 ग्राम तथा 1620 ग्राम) के थे। इनका ‘कंगारू मदर केयर’ और सह-मात्रित्व सहयोग द्वारा उपचार किया गया।

नवजात शिशु इकाई के सफल उपचार का एक और उदाहरण  अर्चना के प्रिमैच्योर बच्चे का है जिसे पैदा होते ही सांस की तकलीफ (हाइलिन मेम्ब्रेन डिसीज) की समस्या थी। बच्चे को ‘सरफेक्टेन्ट’ देकर वेंटिलेटर पर रखा गया था और 35 दिनों के ट्रीटमेंट पश्चात स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किया गया। सीएमओ इंचार्ज डॉ एम रवीन्द्रनाथ, सीएमओ डॉ प्रमोद बिनायके, सीएमओ डॉ राजीव पाल,  सीएमओ डॉ विनीता द्विवेदी और सीएमओ डॉ कौशलेंद्र ठाकुर ने नवजात शिशु विभाग के समस्त चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को उत्कृष्ट कार्य हेतु बधाई दी तथा इसी प्रकार आगे भी पूर्ण समर्पण तथा लगन से कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया। 

विदित हो कि जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में नवजात शिशु विभाग में ‘आयुष्मान कार्ड’ से उपचार की सुविधा पिछले वर्ष जून 2022 से प्रारंभ की गई थी। जिसके अंतर्गत 28 मार्च 2023 तक 230 नवजात बच्चों का सफलतापूर्वक उपचार किया जा चुका है। इस अवसर पर पीडियाट्रिक्स विभाग के एडिशनल सीएमओ डाॅ सुबोध साहा, डॉ संबिता पंडा और डॉ एन एस ठाकुर ने भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को नवजात शिशु विभाग के उन्नयन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने नवजात शिशु इकाई में कार्यरत चिकित्सकों डॉ संजीवनी पटेल (डिप्टी सीएमओ), डॉ नूतन वर्मा (असिस्टेंट सीएमओ), डॉ माला चैधरी (कंसल्टेंट) एवं सभी नर्सिंग स्टाफ की पूर्ण समर्पण भाव से कार्य करने हेतु प्रशंसा की।

उल्लेखनीय है कि जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय का पीडियाट्रिक्स विभाग विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन समय समय पर करता रहता है। इसी के तहत जेएलएन अस्पताल द्वारा रोगी, समाज और परिवार के सदस्यों में जागरूकता लाने हेतु आरसीएच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी प्रकार प्रत्येक वर्ष 19 से 25 मार्च तक किशोर सप्ताह कार्यक्रम मनाया जाता है। जिसके तहत समाज के विभिन्न क्षेत्रों में किशोर आयु वर्ग की आबादी में जागरूकता के लिए गांवों, स्कूलों और ग्राम पंचायत में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बाल रोग विभाग द्वारा हर साल ‘ओआरएस दिवस’ का आयोजन किया जाता है। शिशु रोग विभाग, समय-समय पर ‘नवजात पुनर्जीवन कार्यक्रम’ भी आयोजित कर रहा है। विदित हो कि बाल रोग विभाग के चिकित्सकों ने फरवरी-2023 में आयोजित “एआईएसएमओसी 2023” में सक्रिय रूप से भाग लेकर पुरस्कार प्राप्त किया। 

स्तनपान और स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष 1 से 7 सितंबर तक ‘स्तनपान सप्ताह’ कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। बाल रोग विभाग नियमित रूप से स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए “स्कूल स्वास्थ्य जांच” और दंत चिकित्सा का आयोजन कर रहा है। बाल चिकित्सा विभाग ने पिछले दो वर्षों में 12 वर्ष से अधिक के स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाया है।