रायपुर ,30 अप्रैल । आईआईटी-एनआईटी एवं केन्द्र सरकार से वित्तपोषित इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश हेतु प्रतिष्ठित जेईई मेन्स परीक्षा का रिजल्ट शनिवार को घोषित हुआ। छत्तीसगढ़ राज्य में आदिम जाति विभाग द्वारा संचालित प्रयास आवासीय विद्यालयों के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया है। इस वर्ष जेईई मेन्स 2022-23 में प्रयास आवासीय विद्यालयों 312 विद्यार्थियों में से 150 ने जेईई एडवांस के लिए क्वालीफाई किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विभागीय मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, सचिव आदिम जाति विभाग डी.डी. सिंह एवं आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी ने विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
गौरतलब है कि प्रयास विद्यालयों में अध्ययनरत् अधिकांश बच्चे ग्रामीण परिवेश एवं जनजातीय वर्ग से आते हैं। देश की प्रतिष्ठित जेईई एडवांस परीक्षा के लिए इनका चयन होना निश्चित ही बहुत गर्व की बात है। रायपुर प्रयास, बालक आवासीय विद्यालय के सर्वाधिक छात्रों ने एडवांस के लिए क्वालीफाई किया है। घोषित परीक्षा परिणामों में प्रयास बालक आवासीय विद्यालय, रायपुर के सर्वाधिक 34 छात्रों, दुर्ग प्रयास विद्यालय के 25, प्रयास कन्या आवासीय विद्यालय रायपुर की 19, प्रयास बिलासपुर से 15, जगदलपुर से 13, अम्बिकापुर से 7, जशपुर और कांकेर से 14-14 तथा प्रयास आवासीय विद्यालय कोरबा से 9 विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की है।
उल्लेखनीय है कि प्रयास आवासीय विद्यालयों में कक्षा 9वीं में दाखिला राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है तथा इसमें कक्षा 9वीं से 12वीं तक उत्कृष्ट शिक्षा की व्यवस्था है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की उत्कृष्ट शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश करने हेतु सक्षम बनाना है। इन विद्यालयों से अब तक 107 विद्यार्थी आईआईटी, 305 विद्यार्थी एनआइटी एवं ट्रिपल आईटी एवं 47 विद्यार्थियों एमबीबीएस के लिए चयनित हुए है, जो उक्त संस्थानों में प्रवेश लेकर अध्ययनरत् है। इसके अलावा सी.ए., सी.एस., सी.एम.ए. में 29 तथा क्लेट में 03 विद्यार्थी प्रवेश प्राप्त करने में सफल रहे हैं। राज्य के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में अब तक 900 से अधिक विद्यार्थी प्रवेश प्राप्त करने में सफल रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश के रायपुर में 02, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर, कोरबा, जशपुर, कांकेर तथा जगदलपुर में 1-1 इस तरह कुल 9 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।
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