नई दिल्ली । तिहाड़ जेल में प्रिंस तेवतिया की हत्या का बदला लेने की साजिश रच रहे एक कुख्यात गैंगस्टर को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। संगम विहार निवासी विक्रांत उर्फ मेंटल (25) ने हाल ही में प्रिंस तेवतिया के गिरोह को अपने कब्जे में लिया था।
वह हत्या समेत तीन मामलों में वांछित था। पुलिस ने विक्रांत के कब्जे से दो ऑटोमेटिक पिस्टल, तीन देसी पिस्टल और 16 गोलियां बरामद की हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रिंस तेवतिया की 14 अप्रैल को तिहाड़ में अतातुर रहमान और रोहित चौधरी गिरोह के द्वारा हत्या कर दिए जाने के बाद विक्रांत बदला लेने की फिराक में था।
विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा कि तेवतिया की हत्या के बाद गैंगवार की संभावना को देखते हुए दिल्ली/एनसीआर में फायरिंग, हत्या और रंगदारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए सक्रिय गैंगस्टरों को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया था।
उन्होंने कहा कि पुलिस के पास पुख्ता जानकारी थी कि राजकुमार तेवतिया की हत्या का बदला लेने के लिए विक्रांत रोहित चौधरी गिरोह के सदस्यों को खत्म करने की योजना बना रहा था और नंदू गिरोह का संदीप छिकारा उसकी मदद कर रहा था।
टीम को तब एक सूचना मिली कि विक्रांत हथियारों और गोला-बारूद की एक बड़ी खेप के साथ बिजवासन-नजफगढ़ रोड पर आएगा, जिसे वह प्रतिद्वंद्वियों को खत्म करने के लिए अपने गिरोह के सदस्यों को वितरित करेगा। इस पर जाल बिछाकर उसे पकड़ लिया गया।
विक्रांत प्रिंस तेवतिया के गिरोह में शामिल हो गया था और उसने अपने साथियों हरि किशन, हनी रावत के साथ मिलकर एक सिंडिकेट बनाया और जघन्य अपराध करने लगा।
जून 2020 में, विक्रांत और उसके साथियों, जिनमें प्रिंस, हरि, हनी और अन्य शामिल थे, ने संपत्ति विवाद के कारण दिल्ली के वजीराबाद में राकेश चौहान की कथित तौर पर हत्या कर दी थी।
उसी दिन, गिरोह के सरगना तेवतिया के आदेश पर, विक्रांत और उसके साथियों ने कथित तौर पर दक्ष पर गोलियां चलाईं, जिसने उन्हें जबरन वसूली के लिए रिपोर्ट करने की धमकी दी थी।
विशेष सीपी ने कहा, विक्रांत को छोड़कर सभी आरोपी पहले ही दोनों मामलों में पकड़े जा चुके थे, मामला दर्ज होने के बाद से ही विक्रांत फरार चल रहा था।
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