पांच महीने पहले जिस कैदी की हुई मौत, उसे बिहार सरकार ने रिहा किया…

नई दिल्ली ,27 अप्रैल । बिहार में एक चौंकने वाला मामला सामने आया है। जिस बंदी की मौत नवंबर 2022 में हो चुकी थी, उसकी भी रिहाई का बिहार सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इस बंदी नाम पतिराम राय था। बक्सर जेल में पतिराम राय एक मर्डर केस में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था। उसकी उम्र 93 वर्ष हो गई थी। बीमार रहने के कारण जेल में उसका निधन हो गया। अब यह मामला चर्चा में है। विपक्ष नीतीश सरकार पर निशाना साध रही है। सोशल मीडिया पर यूजर्स ट्रोल कर रहे हैं। उनका कहना है कि आनंद मोहन की रिहाई के चक्कर में बिहार सरकार ने हड़बड़ी कर दी। आनंद मोहन समेत 27 बंदी की रिहाई का नोटिफिकेशन जारी हुआ था लेकिन इसमें एक मृत बंदी का भी नाम शामिल हो गया।

रिहाई को लेकर पहले ही विभाग को लिखा गया था लेटर

इस मामले में बक्सर ओपन जेल की अधीक्षक कुमार शालिनी ने बताया कि बक्सर के सिमरी निवासी पतिराम राय मर्डर केस में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे। उनकी उम्र तकरीबन 93 वर्ष हो गई थी। इस कारण पहले ही कारा एवं सुधार विभाग को उनकी रिहाई के लिए पत्र लिखा गया था। वह 14 वर्ष की सजा भुगत चुके थे। ऐसे में राज्य सरकार ने कैदियों की रिहाई की घोषणा की तो उसमें पति राम राय का भी नाम था। उनका पिछले वर्ष के नवंबर माह में उनका निधन हो चुका है।

बुधवार को 3 बंदी बक्सर ओपन जेल से रिहा

बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए 27 बंदी में 3 बंदियों को बुधवार को बक्सर से रिहा कर दिया गया। हालांकि, एक बंदी रामाधार राम को राहत नहीं मिल पाई क्यों कि उसने 7 हजार रुपये का जुर्माना जमा नहीं करवाया। अन्य तीनों को कागजी प्रक्रिया पूरी करवाने के बाद रिहा कर दिया गया।

90 से अधिक उम्र के कई कैदी जेल में बंद 

कारा अधीक्षक कुमारी शालिनी की मानें तो बक्सर ओपन जेल में 90 साल से अधिक उम्र के आजीवन कारावास के सजावार बंदियों की संख्या 4 से 5 के बीच में है। यह सभी बंदी अपनी आखरी सांस तक जेल में सजा भुगतेंगे। इनकी शारीरिक अवस्था ऐसी हो गई है कि दैनिक क्रिया कर्म में भी इन्हें परेशानी होती है। ना तो इन्हें आंखों से स्पष्ट दिखाई देता है और ना ही ठीक से चल पाते हैं। उन्होंने कहा कि कारा एवं सुधार विभाग से ऐसे बंदियों की रिहाई के लिए समय-समय पर अनुरोध किया जाता रहता है और वहां से आदेश मिलने के बाद राष्ट्रीय पर्व वह तथा अन्य अवसरों पर उनकी रिहाई भी होती है।