तिब्बती आध्यत्मिक नेता (Tibetan spiritual leader) दलाईलामा (Dalai Lama) को बुधवार को धर्मशाला में उनके निवास पर 64 साल बाद पुरस्कार फाउंडेशन ( Award Foundation ) ने व्यक्तिगत रूप से सन 1959 का रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (Ramon Magsaysay Award) प्रदान किया.
तिब्बती आध्यत्मिक नेता के कार्यालय ने यह जानकारी दी. दलाईलामा के कार्यालय ने बताया कि वर्ष 1959 में फिलीपीन के रेमन मैगसायसाय पुरस्कार फाउंडेशन (Ramon Magsaysay Award Foundation) ने महामहिम को धर्म के रक्षार्थ तिब्बती समुदाय के महान संघर्ष में उनके सामुदायिक नेतृत्व, जो समुदाय के जीवन एवं संस्कृति के लिए प्रेरणा है, को सम्मान देते हुए यह पुरस्कार प्रदान किया था.
महामहिम को प्रदान किया गया यह पहला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार था.रेमन मैगसायसाय पुरस्कार फाउंडेशन अध्यक्ष सुसाना बी अफान और फाउंडेशन के न्यासी इमिली ए अबरेरा ने 64 साल बाद 1959 का रेमन मैगसायसाय पुरस्कार व्यक्तिगत रूप से प्रदान करने के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता दलाईलामा से मुलाकात की.
तिब्बती आध्यात्मिक नेता के कार्यालय के अनुसार अगस्त, 1959 में मनीला में उनके बड़े भाई ग्यालो थोंडेन ने उनकी ओर से रेमन मैगसायसाय पुरस्कार ग्रहण किया था. दलाईलामा 1959 में तिब्बत से भारत चले आए थे और तब से यहीं रह रहे हैं.
अकसर रेमन मैगसायसाय पुरस्कार को एशिया का नोबेल पुरस्कार कहा जाता है. दलाईलामा के कार्यालय ने कहा कि फिलीपीन के पूर्व राष्ट्रपति रेमन मैगसायसाय की याद में यह पुस्कार एकता, लोगों की साहसिक सेवा और लोकतांत्रिक समाज में व्यवहारपरक आदर्शवाद के दृष्टांत को आगे बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया था. यह पुरस्कार फिलीपीन सरकार की सहमति से न्यूयार्क शहर में स्थित रॉकफेलर ब्रदर्स फंड के न्यासियों ने अप्रैल, 1957 में स्थापित किया था.
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