Sachin Tendulkar Birthday: जब सचिन की गेंद से टूटी थी बंटू सिंह की नाक, खून से लथपथ हुई थी जर्सी, जानें कहानी

Sachin Tendulkar Birthday: सचिन तेंदुलकर आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। मास्टर ब्लास्टर ने अपने बल्ले के ताकतवर प्रहारों से कई गेंदबाजों को डराया, लेकिन 1991 में दिल्ली और मुंबई के बीच खेले गए रणजी मैच में उनकी गेंद पर बंटू सिंह के नाक में कई फ्रैक्चर हो गए और खून बहने लगा था।

बंटू 1980 और 90 के दशक में दिल्ली की बल्लेबाजी के स्तंभ थे। उन्होंने तेंदुलकर के 50वें जन्मदिन से एक दिन पहले बातचीत में 32 साल पहले हुई घटना को याद दिया। यह घटना 20 अप्रैल 1991 को घटी थी। उन्होंने कहा- मेरे नाक का नक्शा बदल गया, तेंदुलकर के उस बाउंसर के बाद अब मेरे पास एक नया नाक है। उस दौर में मुंबई और दिल्ली की प्रतिद्वंद्विता चरम पर थी और दोनों टीमों के बीच कांटे का मुकाबला होता था।


बंटू के साथ सचिन

बंटू ने बताया- हमने कोटला में एक घसियाली पिच तैयार करने की कोशिश की थी, जिस पर गेंद को उछाल मिलता, लेकिन बाद में यह बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग बन गया। हमारे तेज गेंदबाज संजीव (शर्मा) और अतुल (वासन) ने अपना आखिरी सत्र खेल रहे दिलीप भाई (वेंगसरकर) को कुछ बाउंसर फेंके थे। पहली पारी में मैंने शतक बनाया था और महज औपचारिकता वाल दूसरी पारी में मैंने तेंदुलकर के खिलाफ चौका जड़ा, लेकिन उनकी अगली गेंद घास पर टप्पा खाकर उछाल लेती हुए तेजी मेरी ओर आई। मैंने पुल शॉट खेला और गेंद बल्ले का किनारा लेते हुए नाक पर जा लगी। यह चोट इतनी गंभीर था कि मैंने अपना संतुलन खो दिया। मांजरेकर स्लिप से दौड़कर मेरे पास पहुंचे और मुझे गिरने से बचाया। मेरा और मांजरेकर दोनों का शर्ट खून से लाल हो गया था।

बंटू को कोटला के ठीक पीछे अस्पताल ले जाया गया और पता चला कि उसकी नाक में कई फ्रैक्चर हैं, जिसके लिए सर्जरी की जरूरत है। उन्हें कम से कम दो महीने तक तरल आहार पर रहना पड़ा। हालांकि, बंटू ने तेंदुलकर की इंसानियत को याद किया। उन्होंने कहा, ‘मुंबई की टीम मैच समाप्त होने के बाद उसी शाम को चली गई थी। रात के लगभग 11 बजे थे कि हमारे लैंडलाइन फोन की घंटी बजी और मेरे पिताजी ने उठाया। दूसरी तरफ तेंदुलकर थे। पता नहीं उन्होंने मेरा फोन नंबर कैसे तलाशा। उन्होंने मेरे पिताजी से पूछा, ‘बंटू कैसे हैं? डॉक्टर क्या कह रहे हैं?। बंटू ने बताया, ‘बाद में, जब भी हम मिलते थे, वह पूछते थे, ‘नाक ठीक है न आपका’।

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