कोरबा,05 मई 2025(वेदांत समाचार)। कोरबा रेलखंड में रेल कर्मचारियों की स्थिति चिंताजनक है। पुराने सेटअप के अनुसार काम करने के बावजूद कर्मचारियों की संख्या कम होती जा रही है, जिससे उन पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में 2 से ढाई हजार कर्मचारियों की जगह महज 1300 कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे प्रशासन उनसे काम तो ले रहा है, लेकिन उनकी मूलभूत सुविधाओं और मौलिक अधिकारों का ख्याल नहीं रख पा रहा है। रनिंग स्टाफ और स्टेशन मास्टर खासकर तनाव में काम कर रहे हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।
श्रम के बोझ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 25 साल पहले कोरबा से 24 घंटे में बमुश्किल 60 गाड़ियां चलती थीं, जबकि आज 114 ट्रेनें दौड़ रही हैं। कर्मचारियों को समय पर अवकाश नहीं मिल पाता है, जिससे वे अपने पारिवारिक कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं हो पाते हैं।
एक रेलवे कर्मचारी ने बताया कि उन्हें ड्यूटी शुरू होने से आधा या एक घंटा पहले बताया जाता है कि उनकी छुट्टी स्वीकृत हो गई है। इससे वे तनाव में काम करने मजबूर होते हैं और उनका मनोबल गिरता है। इस स्थिति में सुधार की आवश्यकता है ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके और रेलवे की सुरक्षा और दक्षता बढ़ सके।