अब ग्रामीण क्षेत्रों के तीज-त्यौहारों की संस्कृति एवं परंपरा का होगा संरक्षण
प्रत्येक ग्राम पंचायत को दो किश्तों में मिलेगी 10-10 हजार रूपए की राशि
बिलासपुर,19 अप्रैल I राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सामुदायिक विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि‘ योजना प्रारंभ की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 20 अप्रैल को इस योजना का वर्चुअल शुभारंभ दोपहर 12 बजे करेंगे। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने गत 13 अप्रैल को बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में भरोसा सम्मेलन में ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना‘ की शुरुआत की थी।
मुख्यमंत्री द्वारा 20 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रारंभ की जा रही एक और योजना का उद्देश्य प्रदेश के गैर-अनुसूचित ग्रामीण क्षेत्रों के तीज-त्यौहारों की संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करना और इन त्यौहारों, उत्सवों का मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परंपराओं का अभिलेखन करना है। सामुदायिक क्षेत्रों के गांवों में स्थानीय उत्सवों, त्यौहारों, मेला-मड़ई का विशेष महत्व रहता है। ऐसे सभी उत्सवों, त्यौहारों, सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध करायी जाएगी। योजना की ईकाई ग्राम पंचायत होगी। जिलेे के प्रत्येक ग्राम पंचायत में यह योजना लागू होगी। ग्राम पंचायत को दो किश्तों में 10-10 हजार रूपए दिए जाएंगे। योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति का गठन किया जाएगा। इसमें सरपंच (अध्यक्ष), पुजारी, बैगा सदस्य, ग्राम के 02 बुजुर्ग सदस्य, ग्राम की दो महिला सदस्य, ग्राम कोटवार, पटेल सदस्य एवं ग्राम सचिव को शामिल किया गया है।
अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास सुब्रत साहू ने संबंधित जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देशित किया है कि योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति के सदस्यों को मार्गदर्शन जनपद पंचायत स्तर से दिया जाए, जिससे राशि का समुचित उपयोग किया जा सके। गांव के किस-किस तीज त्यौहार के लिए इस राशि का उपयोग किया जायेगा, इसका निर्धारण ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति द्वारा किया जाएगा। इस योजना के क्रियान्वयन की निगरानी, समन्वय संबंधी कार्य जनपद स्तरीय शासी निकाय द्वारा किया जाएगा। साथ ही जिला कलेक्टरों और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से कहा गया है कि इस योजना का विस्तृत प्रचार-प्रसार करते हुए सर्वसंबंधितों की जानकारी में लाया जाए, जिससे कि योजना का लाभ प्रदेश के सभी सामुदायिक विकासखण्डों के ग्रामीण समाज को प्राप्त हो सके।
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