कोरबा, 17 अप्रैल । आकांक्षी जिला कोरबा में जल जीवन मिशन पीएचई के अफसरों ठेकेदारों की जुगलबंदी से भ्रष्टाचार का मिशन बनकर रह गया । केंद्रीय योजनाओं की ऐसी फजीहत कराई जा रही कि आधी अधूरी योजनाओं को कागजों में पूर्ण बता तकनीकी रूप से असक्षम सरपंचों को प्रलोभन देकर फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र लेकर वाहवाही लूटी जा रही। पड़ताल में करतला विकासखण्ड के सुदूर वनांचल ग्राम बोतली, मदवानी में योजना महीनों से बंद मिली। बूंद बूंद पानी के लिए भीषण गर्मी में हैंडपंप कुएं पर निर्भर ग्रामीणों ने रिकार्ड में योजना पूर्ण दर्शाए जाने पर पीएचई एवं जिला प्रशासन के अफसरों की कार्यशैली पर जमकर नाराजगी जाहिर की।
यहां बताना होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा अनुरूप 2024 तक देश के प्रत्येक परिवार में नल का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई है। इसके लिए केंद्र शासन ने पीएचई विभाग को करोड़ों रुपयों का बजट उपलब्ध करवाया है।जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य को पानी की कमी वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) गांवों को भी प्राथमिकता देने की जरूरत है।
छत्तीसगढ़ को सितम्बर 2023 तक प्रत्येक घरों में हर घर जल जल जीवन मिशन की सार्थकता पूरा करते हुए सभी पात्र परिवारों के यहाँ घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से जलापूर्ति का लक्ष्य दिया गया है। आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में 22 फरवरी 2023 तक की स्थिति में जल शक्ति मंत्रालय की टाइमलाइन सितम्बर 2023 तक एक लाख 97 हजार 658 परिवार में घरेलू कनेक्शन लगाना है। इसके लिए 799 करोड़ 29 लाख 57 हजार की लागत से 10 हजार 88 योजनाओं के जरिए इस लक्ष्य को हासिल किया जाएगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग कोरबा ने उक्त समयावधि तक इनमें से स्वीकृत 509 योजनाओं पर कार्य कर 81 हजार 672 स्वीकृत घरेलू कनेक्शनों में जलापूर्ति करने जुटी है। अप्रैल तक सभी योजनाओं में जलापूर्ति के प्रयास के दावे किए जा रहे थे । एकल नवीन ग्राम योजना एवं सोलर आधारित मिनी नलजल योजना के तहत जल जीवन मिशन के लक्ष्य की पूर्ति की जा रही। एकल नवीन ग्राम योजना में मूल ग्राम पंचायत ,ग्राम लाभान्वित होंगी। वहीं सोलर आधारित मिनी नल जल योजना में बसाहटें शामिल है। सोलर ड्यूल पंप से ऐसे सभी बसाहटों में जलापूर्ति की जाएगी । एकल नवीन ग्राम योजना जिले के सभी 703 गांवों में स्वीकृत हुई हैं। इस कार्य के लिए 695 करोड़ 81 लाख 21 हजार की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। जिसके तहत 1 लाख 78 हजार 405 घरेलू कनेक्शन लगाकर जलापूर्ति की जानी है। इसमें से 238 योजनाओं पर कार्यादेश जारी कर 68 हजार 582 घरेलू कनेक्शन लगाने की कवायद अंतिम चरण में हैं। वहीं क्रेडा को सोलर आधारित मिनी नलजल योजना लगाने 385 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। 103 करोड़ 48 लाख 36 हजार की लागत से 385 बसाहटों के 19 हजार 253 घरेलू कनेक्शन देने का लक्ष्य है। जिसमें से 271 बसाहटों की योजनाओं का कार्यादेश जारी कर 13 हजार 90 कनेक्शन का कार्य अंतिम चरण में है । जिससे बसाहटों में लोगों को शुद्ध जल की आपूर्ति की जाएगी। 162 बसाहटों में कार्य पूर्ण होने का दावा किया जा रहा था। लेकिन योजनाओं के क्रियान्वयन में फर्मों की ढिलाई सुस्त कार्यप्रगति की वजह से इस सीजन की गर्मी में जनता की जल जीवन मिशन से अब तक प्यासी ही रह गई।
शो पीस बने नल दिखाते हितग्राही
योजना तैयार करने से लेकर जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में व्यापक पैमाने पर नियमों तकनीकी मापदण्डों की इस कदर अनदेखी की गई कि अप्रैल माह का पहला पखवाड़ा बीतने के बाद भी आदिवासी बाहुल्य कोरबा की गरीब जनता के कंठ तक केंद्रीय मिशन का एक बूंद जल नहीं पहुंचा।जबकि ठेकेदारों को 100 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। उससे भी बड़ी शर्मनाक बात सामने आई है। व्यापक लोकहित में पीएचई के कोरबा सब डिवीजन ने विकासखण्ड करतला के 4 ग्राम पंचायतों गांडापाली,बोतली,मदवानी एवं ग्राम पंचायत बुढियापाली के लीमगांव की पूर्णता प्रमाण पत्र दी गई है। सभी योजनाएं गत वित्तीय वर्ष 2022 में पूर्ण दर्शाई गई हैं,6माह पूर्व ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों की मौजूदगी में हस्तांतरण की गई हैं। जब हसदेव एक्सप्रेस ने उक्त पूर्णता प्रमाण पत्र के आधार पर सम्बंधित ग्राम पंचायतों में जाकर योजना की जमीनी वास्तविकता देखी तो हैरान कर देने वाली स्थिति दिखी। ग्राम पंचायत बोतली एवं मदवानी की पड़ताल में दोनों योजनाएं बंद मिली। गांव की माताएं बहनें परिजनों की प्यास बुझाने पुराने ढर्रे पर भीषण गर्मी में घर से आधा किलोमीटर दूर जाकर हैंडपंप चला पसीना बहाकर पानी निकालती नजर आईं।
हैण्डपम्प से पानी निकालते व लाती महिला
योजना की पाईप कहीं छुटी तो नल कनेक्शन से टोटिया कहीं कहीं गायब नजर आईं। पीएचई द्वारा बोतली में 99 लाख 66 हजार की योजना राजीव कुमार राय तो मदवानी में 39 लाख 48 हजार की योजना सुजीत कुमार सिंह को दिया गया है।
जारी किया गया फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र
बोतली की योजना 16 मई 2022 को पूर्ण दर्शा 24 सितम्बर 2022 को ग्रामवासियों के समक्ष
ग्राम जल स्वच्छता समिति के सदस्यों की उपस्थिति में सरपंच हेमा जगत सचिव सियाराम यादव को हस्तांतरण करना दर्शाया गया है तो वहीं मदवानी की योजना 13 मार्च 2022 को पूर्ण दर्शाकर 2 अक्टूबर 2022 को ग्रामवासियों के समक्ष ग्राम जल स्वच्छता समिति के सदस्यों की उपस्थिति में ग्राम सरपंच पदमावती राठिया सचिव देवसिंह राठिया को हस्तांतरण करना दर्शाया गया है।
मदवानी में शो पीस बनी ओवरहेड टँकी
जब ग्रामवासियों को कागजों में उक्त योजना के पूर्ण होने की जानकारी मिली तो उन्होंने जिला प्रशासन सहित पीएचई के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर जमकर भड़ास निकाली। आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि एसी दफ्तर में बैठे अधिकारी योजना की कागजों में मॉनिटरिंग कर कागजों में ही योजना को पूर्ण कर डाल रहे हम गरीब आदिवासी बूंद बूंद पानी के लिए हैंडपंप व कुएं पर आश्रित हैं।
जानें क्या कहता है पूर्णता प्रमाण पत्र का नियम 👇
जिस तरह पीएचई कोरबा सब डिवीजन ने कागजों में 4 ग्राम पंचायतों गांडापाली,बोतली,मदवानी एवं ग्राम पंचायत बुढियापाली के लीमगांव की पूर्णता प्रमाण पत्र दी है विधिमान्य नहीं है। जानकारी अनुसार पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए 13 कॉलम का एक फार्मेट है जिसे विधिवत भरने कर उपरांत ही योजना पूर्ण मानी जायेगी। जब तक फंक्शनल टेप के माध्यम से जलापूर्ति होते हुए हितग्राही की तस्वीर जियो टैगिंग कर जल जीवन मिशन (जेजेएम ) के हर घर जल वाले साफ्टवेयर में अपलोड नहीं किया जाता तब तक योजना पूर्ण नहीं मानी जाएगी।
प्रशासकीय स्वीकृति आदेश
योजना जब तक विधिवत रूप से हस्तातंरण (हैंडओवर) नहीं किया जाता ट्रायल रन ,डिफरेंस मनी के तौर पर एफडी के रूप में जमा 20 प्रतिशत राशि का भुगतान फर्म को नहीं किया जा सकता।यही नहीं हैंडओवर के बाद भी ठेकेदार /फर्म को योजना को 2 साल तक कि अवधि तक टेक्निकल सपोर्ट दिए जाने का प्रावधान है। दरअसल सरपंच नॉन टेक्निकल व्यक्ति होता है इस वजह से इस प्रावधान का समावेश किया गया है ताकि योजना का शासन की मंशानुरूप सुचारू रूप में संचालन हो सके । संबंधित ग्राम पंचायतों में इसकी पूरी तरह अवहेलना की गई है।
योजना तैयार करने से लेकर क्रियान्वयन तक नियमों की अनदेखी 👇
जल जीवन मिशन के तकनीकी रूप से जानकारों की मानें तो योजना शुरुआती दौर से ही नियमों तकिनीकी मापदण्डों की अनदेखी की भेंट चढ़ गई। डीपीआर तैयार करने के दौरान इस कदर हड़बड़ी की गई कि किन योजनाओं में जल की उपलब्धता है इसकी जांच करना तक मुनासिब नहीं समझा गया। सूखे क्षेत्र (ड्राय जोन) में योजना तैयार कर दी गई है। हालात ऐसे हैं कि अधिकांश योजनाओं में पर्याप्त पानी नहीं मिल रही। मोटर डालने का टेंडर हुआ है,राइजिंग पाइप सीमित है ,बहुत ज्यादा नीचे डालने पर केसिंग के अभाव में धंसने का खतरा बना हुआ है। मतलब स्पष्ट है कि दफ्तर में बैठकर डीपीआर तैयार की गई है। दफ्तर उक्त बातें हाल ही में एमडी की बैठक में सामने आने पर न केवल कोरबा वरन रायगढ़,जांजगीर चाम्पा ,बिलासपुर सभी जिलों के अधिकारियों को फटकार पड़ी थी। लिहाजा नया ट्यूबवेल योजना प्रस्तावित किए जाने की खबरें सामने आ रही है। इन सब प्रयासों के बावजूद लोगों की निगाहें योजना से सुचारू जलापूर्ति पर ही टिकी हुई हैं।
तो ठेकेदार सहित जिम्मेदार अधिकारियों पर हो कार्रवाई
जिस तरह केंद्रीय जल जीवन मिशन की आकांक्षी जिला कोरबा में धज्जियां उड़ाई गई हैं। आधी अधूरी योजना को हैंडओवर कर ग्रामीणों के साथ छलावा कर शासन प्रशासन व मीडिया को गुमराह किया गया है। सम्बंधितों पर कड़ी वैद्यानिक कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्णता प्रमाण पत्र में एसडीओ ,सब इंजीनियर,ठेकेदार के साथ सरपंच के हस्ताक्षर हैं सभी के विरुद्ध जिला प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। हाल ही में केंद्र शासन ने कोरबा में 3 अगस्त 2012 से 6 अप्रैल 2014 तक कलेक्टर रहे आईएएस रजत कुमार को आँकाक्षी जिला कोरबा का प्रभारी अधिकारी बनाया है। रजत कुमार तेज तर्रार साफ स्वच्छ छवि के आईएएस के रूप में जाने जाते हैं ऐसे में केंद्र शासन की इस महती योजना के क्रियान्वयन में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर जन भावनाओं को आहत कर शासन की मंशा पर पानी फेरने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। गौरतलब हो पूर्व में भी भाजपा जिला सहकारिता प्रकोष्ठ के के संयोजक मो.न्याज नूर आरबी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को पत्र लिख कोरबा में स्वीकृत 300 करोड़ की जल जीवन मिशन की योजनाओं में गुणवत्ता तकनीकी मापदण्डों की अनदेखी कर व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया था। रंजना ,जवाली,ढुरेना,मोरगा रामपुर सहित दर्जनों ग्राम पंचायतों में स्वीकृत योजनाओं में खामियों की खबरें भी मीडिया के जरिए शासन प्रशासन तक पहुंचाई जा चुकी हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार अब तक नहीं नपे ।
जानें हितग्राहियों का क्या कहना 👇
कुएं के पानी से बुझा रही प्यास
शुरआत में महज एक सप्ताह ही पानी मिला ,तब से आज तक चार माह हो गए कुएं से प्यास बुझा रहे हैं । गर्मी में तकलीफ बढ़ गई है।
शकीना बेगम बोतली
शरीर जवाब दे रहा ,पड़ोसी के यहाँ से लाता हूँ पानी
ढलती उम्र में शरीर इस लायक नहीं कि हैंडपम्प चला सकूं,इसलिए पड़ोसी के यहाँ से पानी लाता हूँ। नल शो पीएस बना है। एक दो बार ही पानी आया।
बलिराम ,बोतली
हैंडपंप से ला रही पानी
योजना पूरा हुआ कि नहीं हमें नहीं मालूम,हम लोगों के यहाँ लगे नल में पानी नहीं आ रहा। आधा किलोमीटर दूर नल से पानी ला रही हूं।
वृंदा राठिया ,बोतली
ढलती उम्र में पानी लेने जाना बड़ी तकलीफदेह
जब नल लगा खुश थी कि पानी आएगा,ठंड के बाद तो पानी ही बंद हो गया। शरीर कमजोर हो गया है नल से पानी लाने बड़ी तकलीफ उठानी उठानी पड़ रही।
चंको,मदवानी
खुद बोर करवाई हूँ
गरीब इंसान है बिना पानी थोड़े न रहेंगे ,खुद बोर करवाई हूँ कर्जा लेकर ताकि प्यास बुझा सकें। यहाँ तो कोई देखने तक नहीं आते।
चंदरमोती,मदवानी
मोटर है खराब नहीं किए सुधार
टँकी से पानी ही सप्लाई नहीं हुई। मोटर खराब होने की जानकारी मिली थी सुधार के लिए आए थे ठंड में ही तब से बंद है। जहां पानी रहती है वहाँ से लाकर प्यास बुझा रहे।
टेकराम मदवानी
वर्जन –
कार्य पूर्ण,कहीं कहीं प्रॉब्लम आएगा ही,ठेकेदार दुरुस्त कर रहे
योजना पूर्ण है। कहीं कहीं प्रॉब्लम आएगा ही।ठेकेदार जहां जहां दिक्कत है पाइप लाइन को सेट कर रहे। ठेकेदारों का भुगतान रुका है।कार्य संतुष्टिजनक होने पर ही भुगतान करेंगे।
बी पी चतुर्वेदानी ,एसडीओ पीएचई, उपखण्ड कोरबा
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