534 किसानों की भूमि पर लगेंगे 2 लाख 83 हजार वाणिज्यिक प्रजातियों पौधे

योजना के शुभारंभ दिन 27 किसानों ने अपनी जमीन पर लगाए 8384

महासमुंद । छत्तीसगढ़ सरकार की नई महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना शुरू की गयी है। इसका 21 मार्च 2023 को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष से राज्य के सभी 33 जिलों के 42 स्थानों में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

वन मंडलाधिकारी पंकज राजपूत ने बताया कि नई मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना अंतर्गत महासमुंद जिले के कुल 534 किसानों की ओर से रकबा 576.410 एकड़ में 2,82,952 पौधा लगाने के लिए दिये गये सहमति दी है। योजना के शुभारंभ दिन 21 मार्च 2023 को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर कुल लक्ष्य में से सिंचित स्थलों में 27 किसानों के 26.790 एकड़ भूमि पर मिलिया डुबिया, टिशु कल्चर बांस, टिशु कल्चर सागौन, क्लोनल नीलगिरी, चंदन और अन्य आर्थिक रूप से लाभकारी 8384 पौधे रोपित किये गये है।

जिला मुख्यालय से सटे गांव लभराखुर्द के किसान महेश चन्द्राकर ने अपने एक एकड़ भूमि पर 250 टिश्यू कल्चर सागौन के पौधे लगाए हैं। उन्होंने बताया कि 12 वर्ष के बाद 26 लाख 11 हजार रुपए की आमदनी होगी। इससे पहले उन्होंने बांस लगाया था, जिन्हें स्थानीय किसान और घर निर्माण आदि के लिए राजमिस्त्री को बेचा। जिससे उन्हें लाभ हुआ। उनका इरादा अब बाकि जमीन पर भी सरकारी योजना के तहत वृक्ष लगाना है। ताकि उन्हें ज्यादा मुनाफा हो। किसान चन्द्राकर ने बताया कि खरीफ  वर्ष 2022-23 में 7 एकड़ में धान की फसल लिया था। 150 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर बेचा। अब वे अपनी भूमि पर वाणिज्यिक वृक्ष लगाने की पूरी योजना बना रहे है। 

इस योजना से वनक्षेत्र से बाहर लकड़ी के उत्पादन बढऩे से काष्ठ आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। किसानों के अलावा इस योजना के अंतर्गत अन्य पात्र हितग्राही भी खेत के मेड़ों में या अपनी निजी भूमि में बाउन्ड्री में या लाईन/पंक्ति में वृक्षारोपण कर सकते हैं। इसके साथ ही कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी कृषकों को अतिरिक्त आय प्राप्त होने की संभावना है। उक्त योजना अंतर्गत मिलिया डुबिया, टिशु कल्चर बांस, टिशु कल्चर सागौन, क्लोनल नीलगिरी, चंदन और अन्य आर्थिक रूप से लाभकारी पौधों के वाणिज्यिक वृक्षारोपण एवं वन अधिकार पत्र धारकों को भी इस योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जाना है।

छत्तीसगढ़ सरकार की इस नई लाभकारी योजना के तहत समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अद्र्धशासकीय व शासन की स्वायत्त संस्थाएँ, निजी शिक्षण संस्थाऐं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाऐं, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत हितग्राही की निजी भूमि में 05 एकड़ तक रोपण के लिए 100 प्रतिशत तथा 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र में रोपण के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान शासन की ओर से हितग्राहियों को प्रदाय किया जाएगा। राज्य शासन इस योजना के माध्यम से प्रति वर्ष 36,000 एकड़ के मान से कुल 05 वर्षों में 1,80,000 एकड़ में 15 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। शासन की ओर से चयनित वृक्ष प्रजातियों की खरीदी के लिए प्रतिवर्ष न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित किया जाएगा, जिससे कृषकों को निश्चित् आय प्राप्त हो सकेगी।

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