लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर जा सकते हैं वन विभाग के कर्मचारी…

16 अप्रैल की प्रांतीय बैठक में हो सकती है घोषणा

कवर्धा। छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ रायपुर जिला इकाई कवर्धा के सदस्यों का काष्ठागार कवर्धा में जिला स्तरीय आमसभा की बैठक आयोजित हुई। बैठक में पूरे जिले के विभिन्न परीक्षेत्र से आए हुए पदाधिकारी एवं कर्मचारियों ने एक स्वर में प्रांतीय आह्वान पर पूर्व के लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने के लिए अपनी सहमति दी है। ज्ञात हो कि वन कर्मचारी संघ की प्रांतीय बैठक 16 अप्रैल को रायपुर में आयोजित है जहां अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा हो सकती है। इसी संबंध में जिले के कर्मचारियों की भावनाओं को जानने के लिए यह बैठक आयोजित किया गया था। बैठक में प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष परसराम चंद्राकर जिला सचिव गणेश ठाकुर उपाध्यक्ष तारकेश यादव लक्ष्मी नारायण सोनी, गिरिजा प्रसाद मिश्रा,सचिन सिंह राजपूत सत्य कुमार भास्कर दिलीप चंद्राकर, ललित यादव घनश्याम शर्मा भोलाराम साहू अधीर मरावी राजेश राहंगडाले नानूराम कावरे हेमूराम कचलामे, ओंकार चंद्रवंशी जोधन सिंह ठाकुर सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी गण उपस्थित रहे।



पूर्व में भी कर चुके हैं हड़ताल
बता दें कि वन विभाग के कर्मचारी पिछले साल भी 21 मार्च से 13 अप्रैल 2022 तक 14 सूत्री मांगों को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। लेकिन शासन ने वन कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया था। पिछले वर्ष वन विभाग के कर्मचारियों का हड़ताल 24 दिनों तक चला था काफी मान मनव्वल के बाद हड़ताल स्थगित करने की घोषणा कर्मचारी संघ द्वारा की गई थी । कैबिनेट की बैठक में तथा वित्त विभाग के अनापत्ति के बाद मांगों का निराकरण करने का आश्वासन मिलने के वर्ष भर बाद भी मांगों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है , जिससे वन कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। एक बार फिर से कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की ठान ली है और इस संबंध में सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है जल्द ही वन विभाग के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर सकते हैं।



शासन को हो सकता है भारी नुकसान


यदि वन विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो विभाग को लाखों का नुकसान होना तय है। कवर्धा वन मंडल में 9 परीक्षेत्र हैं जिसमें वनों की सुरक्षा वन चौकीदार, वनरक्षक, वनपाल से लेकर डिप्टी रेंजर तक के कर्मचारी फील्ड में मुस्तैद रहते हुए संभालते हैं। उनके हड़ताल में चले जाने पर अवैध कटाई, अवैध अतिक्रमण ,अवैध शिकार, अवैध उत्खनन अवैध परिवहन की घटनाएं घट सकती हैं। वर्तमान में अग्नि सीजन चल रहा है कर्मचारियों के हड़ताल में जाने पर अग्नि दुर्घटनाओं में भी बढ़ोतरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। पिछले दिनों इन्ही हड़ताल की वजह से वनक्षेत्रों में सर्वाधिक अग्नि के प्रकरण हुए थे।



स्थानीय समस्या भी वर्षों से लंबित
वन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष परसराम चंद्राकर ने बताया कि वनमंडल स्तर पर भी दर्जनों समस्याएं वर्षों से लंबित है। जिसमें प्रमुख रुप से सातवें वेतनमान के एरियर्स राशि का भुगतान, समयमान वेतनमान का निर्धारण, कर्मचारियों के मेडिकल प्रकरण, सी पी एस से जी पी एफ/डी पी एफ खाते में परिवर्तन, पूर्व के हड़ताल का स्वीकृत अवकाश अवधि का वेतन भुगतान, समयमान वेतनमान का एरियर्स राशि भी लंबित है। वर्षों से वनमंडल स्तर में कर्मचारियों की छोटी से छोटी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाने से कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है।