रायपुर। ASAR 2022 : स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने अपने निवास कार्यालय से एनुवल स्टेट्स ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट( education report) (असर) – 2022 जारी करते हुए कहा कि कोरोना के वजह से विभिन्न राज्यों में बच्चों के सीखने के स्तर में काफी नुकसान हुआ वहीं छत्तीसगढ़ में 2021 की तुलना में 2022 मंे स्कूल शिक्षा विभाग और शिक्षकों ने काफी मेहनत कर अपनी पूर्व स्थिति की ओर वापस आना शुरू किया। शीघ्र ही और बेहतर स्थिति में लाने की दिशा में विभाग एकजुट होकर कार्य करेंगे।
असर द्वारा छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में 1679 गांव के 33 हजार 330 घरों तक पहुुंचकर 3 से 16 आयु वर्ग के 64 हजार 131 बच्चों का सर्वेक्षण किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की पूर्व प्राथमिक विद्यालय और विद्यालय में नामांकन की जानकारी एकत्र की गई। 5-16 आयु वर्ग के बच्चों की पढ़ने, गणित और अंग्रेजी के कौशल को समझने के लिए जांच की गई।
रिपोर्ट के आधार पर जिलों में फॉलोअप एक्शन लेने की दिशा में कार्यवाही करने के निर्देश दिये
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने असर रिपोर्ट का विमोचन कर इसे सभी जिले के साथ साझा करते हुए इसके आधार पर जिलों में फॉलोअप एक्शन लेने की दिशा में कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा की जिस प्रकार छत्तीसगढ़ में ‘अंगना म शिक्षा कार्यक्रम‘ के माध्यम से माताओं को जोड़ा गया है। राज्य में इस वर्ष ग्रीष्मकाल में यह कार्यक्रम आगे बढ़ाते हुए सीखने-सिखाने की जिम्मेदारी समुदायवार लेते हुए इसके स्तर को और ऊपर उठाने का कार्य किया जाएगा। अपै्रल माह के अंत तक समुदाय को इस कार्य के लिए तैयार कर उनका उन्मुखीकरण कर दो माह तक बच्चों को मूलभूत शिक्षा दी जाएगी। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री जतन योजना के अंतर्गत सभी स्कूलोें में मरम्मत का कार्य किया जाएगा, ताकि नये सत्र में बच्चों को स्कूल में पढ़ने के लिए आकर्षक वातावरण मिले। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा अनुरूप बालवाड़ी खोले जाने और स्थानीय भाषा में पढ़ाई में सहयोग देने के कारण पढ़ाई के स्तर में सुधार हुआ है। स्थानीय भाषा में कार्य करने के लिए जिला स्तर के अधिकारियों को बहुभाषा शिक्षा पर ऑनलाईन प्रशिक्षण दिया गया है। छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जहां बच्चों को स्थानीय भाषा में शिक्षा देने के लिए भाषाई सर्वे के आधार पर सुधारात्मक कार्य करने की दिशा में पहल की गई है। बस्तर के 200 स्कूलों में इस परियोजना के अंतर्गत आगे का काम शुरू हो गया है।
लर्निग रिकवरी अब तक कितनी सफल रही है और आगे बढ़ने के लिए किस तरह की मदद
पहला सर्वे असर छत्तीसगढ़ – 2021 अक्टूबर-नवंबर में आयोजित किया गया जब महामारी के कारण कई महीने बंद रहने के बाद स्कूल फिर से खुले ही थे। इस रिपोर्ट में स्कूल बंद होने के कारण हुए र्लिर्नंग लॉस पर महत्वपूर्ण अनुमान दिये। असर छत्तीसगढ़ – 2022 लगभग एक साल की ‘कैंच-अप‘ गतिविधियों के बाद बच्चों की स्कूली शिक्षा और बुनियादी क्षमता की स्थिति को समझने के लिए नवंबर 2022 में लौटा। इसके साक्ष्य यह समझने में मदद कर सकते हैं कि लर्निग रिकवरी अब तक कितनी सफल रही है और आगे बढ़ने के लिए किस तरह की मदद की आवश्यकता होगी।
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