ताइवान पर कार्रवाई की तैयारी में चीन!: घेरने के लिए भेजे 13 एयरक्राफ्ट-तीन युद्धपोत, PLA ने जारी की ये चेतावनी

नई दिल्ली। चीन ताइवान को घेरने की तैयारी कर रहा है। दरअसल चीन की सेना तीन दिनों तक ताइवान के नजदीक युद्धाभ्यास करेगी। चीन की सेना पीएलए के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने यह जानकारी दी है। बता दें कि चीन का यह एलान ऐसे वक्त आया है, जब ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन हाल ही में अमेरिका के दौरे से लौटी हैं।  ताइवानी राष्ट्रपति के इस दौरे से चीन नाराज है और  चीन के युद्धाभ्यास को उसकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। ताइवान के चारों तरफ 13 चाइनीज एयरक्राफ्ट और तीन युद्धपोत देखे गए हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। 

चीनी सेना के प्रवक्ता शी यी ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘ये ऑपरेशन अलगाववादी ताकतों और बाहरी ताकतों की मिलीभगत और उनकी भड़काऊ गतिविधियों के खिलाफ कड़ी चेतावनी का काम करेगा, जो कि ताइवान की स्वतंत्रता चाहती हैं।’ 

ताइवानी राष्ट्रपति अमेरिकी स्पीकर की मुलाकात से बौखलाया चीन 


ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने बीते बुधवार को अमेरिका के निचले सदन के सभापति केविन मैकार्थी से कैलिफोर्निया में मुलाकात की थी। यह पहली बार हुआ कि किसी ताइवानी राष्ट्रपति ने अमेरिका की धरती पर यूएस स्पीकर से मुलाकात की। इस मुलाकात पर चीन ने धमकी दी थी कि अगर राष्ट्रपति साई इंग वेन, अमेरिकी स्पीकर से मिलीं तो सही नहीं होगा। हालांकि ताइवानी राष्ट्रपति ने चीन की इस धमकी को दरकिनार कर अमेरिकी स्पीकर से मुलाकात की।  

पहले भी ताइवान की घेराबंदी कर चुकी है चीन की सेना 


बीते साल अगस्त में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन सभापति नैंसी पेलोंसी ने भी ताइवान का दौरा किया था। उस समय भी चीन ने इस पर कड़ा एतराज जताया था और ताइवान को धमकी दी थी। हालांकि ताइवान चीन की धमकी के आगे नहीं झुका। इसके बाद चीन ने ताइवान के जलीय क्षेत्र के चारों तरफ युद्भाभ्यास शुरू कर दिया था। इस तरह चीन ने एक तरह से ताइवान की चारों तरफ से घेराबंदी कर ली थी। चीन के 21 एयरक्राफ्ट्स ताइवान की सीमा में भी दाखिल हो गए थे। इस दौरान चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था।  

चीन द्वारा ताइवान की घेराबंदी के बाद अमेरिका ने भी अपने युद्धपोत ताइवान की सीमा के आसपास तैनात कर दिए थे। अब एक बार फिर चीन ताइवान की घेराबंदी की कोशिश कर रहा है। बता दें कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और यही वजह है कि वह ताइवान की राष्ट्रपति के अमेरिका दौरे का विरोध कर रहा है।