Hanuman Janmotsav : आज 6 अप्रैल को पूरे देश भर में हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। जगह-जगह बड़े पैमाने पर आयोजन किया जा रहा है। सभी हनुमान मंदिरों में भव्य तैयारियां की जा रही है। हनुमान जी की पूर्ति को बेहद सुन्दर तरीके से सजाया गया है। हर साल की तरह इस साल भी इस अवसर पर भंडारे की व्यवस्था की गई है।
हनुमान जी श्री राम के बेहद प्रिय हैं इसलिए कहते हैं कि अगर राम जी को प्रसन्न करना है तो हनुमान जी को प्रसन्न करना होगा। हनुमान जन्मोत्सव पर सभी प्रातः काल उठकर सबसे पहले मंदिर जाते हैं और हनुमान जी की पूजा की जाती है। लेकिन पूजा करने से पहले कई ऐसे नियम हैं जिन्हें मानना चाहिए और इनका पालन करना चाहिए। जानिये क्या हैं पूजा करने का सही नियम
हनुमानजी को जो भी प्रसाद अर्पित करें, उसका ध्यान रखें कि उनको लगने वाला भोग शुद्ध घी में बनें।
हनुमान पूजा की पूजा में चमेली का तेल या शुद्ध घी से दीपक जलाना चाहिए।
हनुमानजी पूजा के बाद आरती करें और फिर उन्हें गुड़ और चने का प्रसाद जरूर अर्पित करें।
हनुमान जी की पूजा लगातार करनी चाहिए। उनके पूजा के बीच में कोई बाधा न आए, चक्र पूरा होना चाहिए।
ग्रहण के सूतक काल में या फिर घर में किसी का जन्म या मृत्यु होने पर अगर सूतककाल चल रहा है तो हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए।
हनुमान पूजा में तुलसी दल या चरणामृत या पंचामृत नहीं रखना चाहिए, न ही उन्हों भोग लगाना चाहिए।
अगर आप हनुमानजी का व्रत यानी मंगलवार या शनिवार का व्रत रखते हैं तो भूलकर भी नमक ना खाएं, इनके व्रत मीठे रखे जाते हैं।
हनुमान जी की पूजा के एक दिन पहले से ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और तन, मन से शुद्ध रहना चाहिए।
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