नदी के बीच लगा दिया गया टाॅवर, अब कब्र भी खोद डाले, महिलाओ ने पहुंचकर रुकवाया काम

कोरबा। बाल्को नगर में टावर लाइन के लिए बेलगरी नाला के बीच टावर खड़े किए जा रहे हैं। इसके लिए नाला में पानी के बहाव काे माेड़ दिया गया है। नाला के बीचाें-बीच चल रहे निर्माण कार्य का विराेध स्थानीय लाेगाें ने नहीं किया। ठेकेदार काे इससे हिम्मत मिल गई और नए टाॅवर खड़ी करने के लिए नदी किनारे बने पुराने मठ (कब्र) के आसपास राताें-रात खुदाई कर वहां बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए गए। बुधवार काे जब समीप बेलगरी बस्ती के लाेग नाला में निस्तार के लिए पहुंचे ताे उन्हें वहां कई मठ नहीं दिखें। इसकी जानकारी उन्हाेंने बस्ती में पहुंचकर लाेगाें काे दी। इससे लाेग आक्राेशित हाे गए। दिन का समय हाेने से बस्ती के ज्यादातर पुरूष काम करने चले गए थे ऐसे में बहुतायत में महिलाएं निर्माणस्थल पर पहुंची। उन्हाेंने ठेकेदार काे घेर लिया।

मठ वाले स्थल पर टाॅवर के लिए राताें-रात खुदाई करते हुए गायब करवाने का आराेप लगाते हुए काम रूकवा दिया गया। लाेगाें के आक्राेशित हाेने का पता चलते ही बालकाे थाना से उप निरीक्षक अजय साेनवानी व रजगामार चाैकी प्रभारी एएसआई अजय सिंह पुलिस बल समेत माैके पर पहुंचे। जहां पुलिस टीम ने शांति व्यवस्था बनाए रखा।

पर्यावरण नियमाें की अनदेखी, अधिकारियाें के आंख बंद

पर्यावरण के नियमाें के तहत बिना अनुमति लिए नदी-नालाें में किसी तरह की छेड़छाड़ प्रतिबंधित हाेती है। प्रकृतिक नाला की दिशा माेड़ना भी अपराध के बराबर है। इसके बाद भी बालकाेनगर में बेलगरी बस्ती के पास से लेकर अमरसिंह हाेटल बस्ती तक बेलगरी नाला पर जगह-जगह टाॅवर खड़ी कर दी गई है। जिससे नाला में पानी के बहाव का दिशा बस्ती की ओर हाेता जा रहा है। ऐसे में बारिश में बाढ़ आने पर बेलगरी नाला से लगी बस्ती जलमग्न हाे सकते हैं। इस तरह पर्यावरण नियमाें की खुलेआम अनदेखी के बाद भी पर्यावरण विभाग समेत अन्य जिम्मेदार विभाग व प्रशासन के अधिकारियों की आंख बंद है।

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