रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत पर शासन ने विश्वविद्यालय प्रबंधन को जांच आदेश दिया है। शासन ने कुलसचिव को पत्र लिखकर जांच रिपोर्ट तलब किया है।
इस तरह की गड़बड़ियों की है शिकायत
शासन के समक्ष प्रस्तुत शिकायत में उल्लेख है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में मौजूदा प्रबंधन द्वारा व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां की गई हैं। अपात्रो को पात्र बनाकर पदोन्नति देना, एरियर्स में करोड़ो के सरकारी धन का अपव्यय, बिना जमीन आबंटन हुए कार्यादेश जारी करना, कार्निवाल में बिना टेंडर करोड़ों का काम फिर भुगतान, दामू परियोजना में गड़बड़ी, सक्षम स्वीकृति बिना विदेश भ्रमण समेत दर्जन भर से अधिक ऐसे मामले है जिस पर प्रत्यक्ष तौर पर कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल और कुलसचिव गणेश कुमार निर्माम की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। निष्पक्षता से जांच में संभवतः स्थिति स्पष्ट होगी।
विश्वविद्यालय स्तर पर जांच में संदेह
विश्वविद्यालय के गंभीर आरोपों के केंद्र में कुलपति और कुलसचिव हैं, ऐसे में जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगा है। शासन ने उन्हें ही जांच का जिम्मा सौंपा है जिन पर गंभीर आरोप है, ऐसे में वास्तविक रिपोर्ट शायद ही मिल पाए। शासन को उच्च स्तरीय जांच समिति से जांच करानी चाहिए, ताकि केवल जांच की औपचारिकता ना की जाये। इससे पूर्व में भी कुलपति रहते संजय पाटिल की दर्जनों जांच हुई पर उनमे सही रिपोर्ट नहीं मिली थी।
शासन द्वारा विश्वविद्यालय के कुलसचिव को करीब सप्ताह भर पहले जांच संबंधी पत्र भेजा गया था, पर अब तक जांच समिति नहीं बन पाई है। बताते है कि फाइल अभी ऑफिसों के चक्कर लगा रही है। कुलसचिव गणेश कुमार निर्माम का कहना है कि जांच के संबंध में शासन का पत्र मिला है, जल्द ही समिति गठित कर निर्धारित समय सीमा में जांच करवाई जाएगी।
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