Janjgir : राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का किया गया विस्तार, योजना अंतर्गत अब ग्राम पंचायत क्षेत्रों के साथ-साथ नगर पंचायत और नगर पालिका (अनुसूचित क्षेत्र) को किया गया शामिल

राज्य शासन द्वारा नवीन दिशा-निर्देश जारी

15 अप्रैल तक नए आवेदन आमंत्रित

जांजगीर-चांपा 03 अप्रैल । राज्य शासन द्वारा भूमिहीन कृषि मजदूर वर्ग को संबल प्रदाय करने के लिए राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना प्रारंभ किया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के बजट भाषण के अनुरूप योजना का विस्तार ग्राम पंचायत क्षेत्रो के साथ-साथ अब नगर पंचायत एवं नगर पालिका (अनुसूचित क्षेत्र के) में भी किया गया है। राज्य शासन द्वारा उक्त योजना के नवीन दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके तहत प्रदेश सहित जिले के ग्रामीण, नगरीय क्षेत्रों में हितग्राहियों से नवीन आवेदन 15 अप्रैल तक प्राप्त करने की तिथि निर्धारण सहित अन्य प्रक्रिया के लिए समय सारणी जारी की गई है।

इस योजना के तहत भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की पहचान कर भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के मुखिया को वार्षिक आधार पर किस्तो में 7 हजार रूपये का आर्थिक अनुदान दिया जाता है। पूर्व में यह योजना प्रदेश के ग्राम पंचायत क्षेत्रों में वित्तीय वर्ष 2021-22 से तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 से नगर पंचायत क्षेत्रों में यह योजना लागू किया गया है। जिसके तहत अविभाजित जांजगीर-चांपा जिले के नगर पंचायत बाराद्वारा, बलौदा, खरौद, शिवरीनारायण, जैजैपुर, अड़भार, डभरा, चन्द्रपुर, सारागांव, नवागढ़, और नगर पंचायत राहौद में लागू किया गया है।


छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी समय सारणी के अनुसार राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत 01 अप्रैल से 15 अप्रैल 2023 तक नवीन आवेदन कर सकते हैं तथा पोर्टल में प्रविष्टि करने की अंतिम तिथि 22 अप्रैल, तहसीलदार द्वारा पंजीकृत आवेदनों का निराकरण करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल, आवेदनों के स्वीकृति, अस्वीकृति पश्चात ग्राम पंचायत, नगर पंचायत तथा नगर पालिका क्षेत्रों पर प्रकाशन कर प्राप्त दावा-आपत्ति का ग्राम सभा, सामन्य सभा में निराकरण करने की तिथि 8 मई 2023, सामान्य सभा के निर्णय अनुसार पोर्टल में अद्यतीकरण करने की तिथि 14 मई और सत्यापित सूची के प्रकाशन के लिए 15 मई 2023 अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी द्वारा समस्त संबंधित अधिकारियों को राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के क्रियान्वयन के लिए जारी नवीन दिशा-निर्देश अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिए गए हैं।

नगर पंचायत क्षेत्र में निवास करने वाले पात्र हितग्राही भी अब योजना का लाभ ले सकेंगे –

गौरतलब है कि राज्य में ग्रामीण एवं नगरीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ सत्र में ही कृषि मजदूरी के लिए पर्याप्त अवसर रहता है। रबी सत्र में फसल क्षेत्राच्छादन कम होने के कारण कृषि मजदूरी के लिए अवसर भी कम हो जाता है। कृषि मजदूरी कार्य में संलग्न ग्रामीणों में अधिकतर लघु, सीमांत अथवा भूमिहीन कृषक हैं । इसमें से भूमिहीन कृषि मजदूर को अन्य की अपेक्षा रोजगार के कम अवसर ग्राम एवं नगर पंचायत स्तर पर उपलब्ध होते हैं। जिस कारण उन्हे लाभान्वित करने के लिए राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का विस्तार किया गया है।

हितग्राही परिवार की पात्रता –

01 अप्रैल 2023 की स्थिति में पात्रता रखने वाले छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हितग्राही ही पात्र होंगे। केवल ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में निवासरत भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार जिसके पास कृषि भूमि नहीं है वे हितग्राही ही पात्र होंगे। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि तथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा। ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत क्षेत्र के भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे-पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। इसके अतिरिक्त अनुसूचित क्षेत्रों के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति जिन्हें पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी आदि नामों से जाना जाता है, तथा आदिवासियों के देव स्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया, कृषि भूमि धारण करने के बावजूद योजनांतर्गत पात्र होंगें । परंतु इस वर्ग के वे परिवार जो शासन से सामायिक भत्ता एवम आर्थिक सहायता अन्य योजना में प्राप्त कर रहे व्यक्ति पात्र नही होंगे। आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी। अपंजीकृत परिवारों को योजनांतर्गत अनुदान की पात्रता नहीं होगी। पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर उक्त परिवार के द्वारा पात्रता अनुसार नवीन आवेदन योजनांतर्गत प्रस्तुत किया जाना होगा। यदि पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया के द्वारा असत्य जानकारी के आधार पर अनुदान सहायता राशि प्राप्त की गई हो, तब विधिक कार्यवाही करते हुए उक्त राशि उससे भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जाएगी।

योजनांतर्गत निरर्हता की श्रेणी

नगर निगम एवं नगर पालिका के रहवासी परिवार एवं व्यक्ति को इस योजना का लाभ नही मिलेगा। वे व्यक्ति जो किसी संवैधानिक पद में हो अथवा पूर्व में संवैधनिक पद धारित किये हो। वे व्यक्ति जो केन्द्र शासन, राज्य शासन के किसी भी विभाग या कार्यालय और उसकी क्षेत्रीय इकाई में अधिकारी-कर्मचारी के रूप में सेवारत है या सेवानिवृत्त हुए हैं ऐसे अधिकारी -कर्मचारी को भी लाभ नही मिलेगा। वे व्यक्ति जो केन्द्र शासन एवं राज्य शासन के अधीनस्थ निगम, मंडल, आयोग, प्राधिकरण आदि में संविदा अस्थाई -स्थाई रूप से काम करते हो उन्हें लाभ नही मिलेगा।

आउटसोर्सिंग के आधार पर अथवा दैनिक वेतन पर कार्य करने वाले कर्मचारी भी निरर्हता की श्रेणी में आयेंगे। वे व्यक्ति जिन्होंने सरकार के अधीन किसी केन्द्रीय या राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) और स्वायत्त निकायों में एक अधिकारी या कर्मचारी के रूप में कार्य किया हो, स्थानीय सरकारी निकायों के नियमित कर्मचारी, केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों के वर्तमान और पूर्व मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के वर्तमान और पूर्व सदस्य, राज्य विधान सभा और राज्य विधान परिषदों के वर्तमान और पूर्व सदस्य, जिला पंचायत का कोई भी वर्तमान या पूर्व अध्यक्ष, जनपद पंचायत का कोई भी वर्तमान या पूर्व अध्यक्ष, ग्राम पंचायत का कोई भी वर्तमान या पूर्व सरपंच,पंच, किसी भी नगरीय ईकाई के वर्तमान या पूर्व अध्यक्ष (मेयर, अध्यक्ष, पार्षद आदि), कोई भी व्यक्ति जिसने पिछले आंकलन वर्ष या उसके परिवार में आयकर दाखिल किया हो, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, ऑर्किटेक्ट तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत अन्य कोई पेशेवर वर्ग को इस योजना का लाभ नही मिलेगा।

हितग्राही परिवारों का पंजीयन –

योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए हितग्राही परिवार को आवश्यक दस्तावेज यथा- आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ आवेदन ग्राम पंचायत क्षेत्रों में सचिव ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। अनुसूचित क्षेत्र अंतर्गत आने वाले नगर पालिका में स्थित आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति जिन्हें पुजारी / बैगा / गुनिया / मांझी आदि नामों से जाना जाता है, तथा आदिवासियों के देव स्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया के आवेदन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका / नगर पंचायत के समक्ष आवेदन करेंगें। आवेदन में मोबाईल नंबर का भी उल्लेख करना होगा। हितग्राही परिवार आवेदन की पावती यथा स्थिति ग्राम पंचायत सचिव / मुख्य नगर पालिका अधिकारी से प्राप्त कर सकेगे।

प्राप्त आवेदनों को ग्राम पंचायत सचिव द्वारा ग्रामवार, ग्राम पंचायतवार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत तथा नगर पंचायत क्षेत्रो में मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत एवं अनुसूचित क्षेत्रों के नगर पालिकाओं में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरपालिका में निर्धारित समय-सीमा के भीतर जमा करना होगा, जहाँ पोर्टल में इसकी प्रविष्टि की जाएगी। पोर्टल में की गई प्रविष्टियों का कृषि भूमिधारिता के संबंध में पुनः परीक्षण राजस्व अधिकारी ( नायब तहसीलदार / तहसीलदार) द्वारा भुईयां रिकॉर्ड को आधार मानते हुए किया जाएगा। योजना अंतर्गत हितग्राही परिवारों के पंजीयन का कार्य शासन द्वारा नियत तिथि तक संबंधित जनपद पंचायत एवं नगर पंचायत के कार्यालयों में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के पोर्टल rggbkmny.cg.nic.in में पंजीयन कराने की जिम्मेदारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत की होगी।

योजना अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु हितग्राही परिवार के मुखिया को आवेदन के साथ आधार नंबर अनिवार्य रूप से देना होगा। हितग्राही परिवारों से आधार नंबर उनकी सहमति से प्राप्त किया जाएगा। यदि किसी हितग्राही परिवार के पास आधार नंबर नहीं है तब मैदानी अमलों के द्वारा ऐसे हितग्राही परिवारों को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) में पंजीयन हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। हितग्राही परिवारों के बैंक विवरण में त्रुटि होने पर विभाग के मैदानी अमले के द्वारा संबंधित हितग्राही परिवार से 15 दिवस के भीतर सही बैंक विवरण प्राप्त करते हुए अनुदान राशि अंतरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।