रायपुर । 37 साल की आईपीएस की सर्विस के बाद प्रदेश के दमदार आईपीएस में शुमार पूर्व डीजीपी डीएम अवस्थी 31 मार्च को रिटायर होंगे। 86 बैच के आईपीएस अधिकारी अवस्थी अभी ईओडब्लू और एसीबी चीफ की कमान संभाल रहे हैं।
उत्तरप्रदेश के कानपुर के रहने वाले डीएम अवस्थी तीन साल गुजरात में इंजीनिरियंग सर्विस में रहे। 23 साल की उम्र में 1986 में उनका आईपीएस में चयन हुआ। पुलिस एकेडमी हैदराबाद से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सतना से उनका प्रोबेशन प्रारंभ हुआ। एसपी में रूप में उनका पहला जिला छिंदवाड़ा रहा। फिर रायगढ़। रायगढ से वे एआईजी इंटेलिजेंस बनकर भोपाल गए। इस पद पर वे तीन साल रहे।
इंटेलिजेंस के बाद उन्हें एसपी उज्जैन बनाया गया। छत्तीसगढ़ बनने से पहले सिर्फ एक पोस्टिंग उन्होंने रायगढ़ एसपी के तौर पर की थी। मगर राज्य के बंटवारे के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला तो फिर छत्तीसगढ़ के होकर रह गए। छत्तीसगढ़ में वे रायपुर के एसएसपी, रायपुर आईजी के पद पर रहे। वे चार साल तक इंटेलिजेंस चीफ रहे। रमन सरकार की तीसरी पारी में इंटेलिजेंस से हटने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन का दायित्व संभाला। दिसंबर 2018 में जब कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने एएन उपध्याय को हटाकर डीएम अवस्थी को डीजीपी बनाया था। इस पद पर वे करीब तीन साल रहे। फिर उन्हें पुलिस प्रशिक्षण का डायरेक्टर बनाया गया। तीन महीने पहले उन्हें ईओडब्लू और एसीबी का डायरेक्टर बनाया गया था।
सात साल इंटेलिजेंस में रहे
डीएम अवस्थी देश के गिने-चुने आईपीएस अधिकारियों में शामिल होंगे, जो दो राज्यों में सात साल तक खुफिया विभाग में रहे। उनकी गिनती एक दमदार और दबंगई के साथ अपनी बात रखने वाले अधिकारी के रूप में होती है। रायपुर आईजी के साथ-साथ उनके पास इंटेलिजेंस चीफ का भी चार्ज रहा। तो उज्जैन जैसा बड़ा जिला भी उन्हें संभालने का मौका मिला। कमलनाथ के छिंदवाड़ा भी मध्यप्रदेश का बड़ा जिला माना जाता है। 1986 से लेकर 2023 तक याने 37 साल उन्होंने आईपीएस की सर्विस की।
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