रिसर्च के माध्यम से विद्यार्थियों को जैविक खेती की दिशा में प्रयास करना चाहिए : कलेक्टर

संत कबीर कृषि कॉलेज में व्यक्तित्व विकास व रोजगार के अवसरों पर एक दिवसीय कार्यशाला

कवर्धा । संत कबीर कृषि महाविद्यालय व अनुसंधान केन्द्र कवर्धा में कृषि छात्रों के लिए व्यक्तित्व विकास एवं रोजगार के भावी अवसरों के विषय पर नाहेप आईसीएआर नई दिल्ली और नेशनल इन्स्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट हैदराबाद द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला में कलेक्टर जनमेजय महोबे भी शामिल हुए। कलेक्टर जनमेजय महोबे एवं जिला पंचायत सीईओ संदीप कुमार अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंदेल वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि महाविद्यालय के डीन डॉ. एच.सी.नंदा ने की।



कलेक्टर महोबे ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है। प्रारंभ में पशुपालन से कृषि की तरफ अग्रसर हुए थे। आज उसी दिशा में शासन कार्य कर रही है। परंपरागत जैविक कृषि की दिशा में कार्य किया जा रहा है। मिलेट्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे विभिन्न उत्पाद तैयार किए जा रहे है। शासन की नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना से जैविक खाद का उत्पादन कर उपयोग किया जा रहा है। अनेक विशेषज्ञों द्वारा इस विषय में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के युवाओं, अध्यापकों को इस दिशा अच्छे कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा की जिले के लिए रोड मैप बनाए जिससे जिले को जैविक खेती के रूप में विकसित किया जा सके। कबीरधाम जिला में बड़ी मात्रा में गन्ने का उत्पादन किया जाता है जिसके लिए यह बाजार उपलब्ध है। यहां दो शक्कर कारखाने संचालित हो रही है।

कलेक्टर महोबे ने कहा की जिले को जैविक खेती के रूप में विकसित करने, मोटे अनाज एवं लघु धान्य फसलों को बढ़ावा देते हुऐ कृषि के क्षेत्र में अवसरों का लाभ मिलना चाहिए। पांरपरिक खेती को संरक्षण करते हुऐ एवं निरंतर आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन एवं योग्यता अनुरूप कौशल ज्ञान प्राप्त कर अवसरों का लाभ लेने के लिए उन्ही दिशाओं में कार्य करते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा की विद्यार्थी रिसर्च के रूप में बायो टेक्नोलॉजी में कार्य कर सकते है। उन्होंने शासन की कृषि कल्याण योजनाओं की जानकारी प्रदान की और किसानों के मध्य प्रचार-प्रसार करते हुए जागरूक करने कहा। कार्यक्रम में सचिव आर.एस. नाग एवं सह-सचिव इंजी. डी.के.राय द्वारा कार्यक्रम का संचालन करते हुऐ छात्र-छात्राओं को कृषि शिक्षा के महत्व के बारे में जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में उप संचालक कृषि राकेश शर्मा ने कैरियर निर्धारण की महत्ता, रूची अनुसार विषय चयन एवं साथ ही कृषि में प्रशासनिक पदों एवं अन्य समकक्ष  क्षेत्रों में रोजगार के अवसर के बारे में जानकारी दी। मुख्य रसायनज्ञ भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना भास्कर पोटपोसे ने शक्कर एवं गन्ना से बनने वाले विभिन्न उत्पादों पर तकनीकी ज्ञान से अवगत कराया। साथ ही मूल्य समर्थन उत्पादों के विषय पर होने वाले विभिन्न डिप्लोमा कोर्स के बारे में जानकारी दी। प्रगतिशील कृषि उद्यमी संचालक ए.आर.एस.फार्म दुर्ग योगेश कुमार साहू  ने कृषि एवं उद्यानिकी की व्यावसायिक खेती, जैविक खेती एवं उस पर आधरित विभिन्न स्वरोजगार प्रारंभ करने के लिए मार्गदर्शन दिया।  डॉ. हुलास पाठक हेड राबी कार्यक्रम ने स्टार्टअप एवं आन्तरप्रोन्योर के बारे में विस्तृत जानकारी दी । कार्यक्रम में प्रबंधक लीड बैंक भारतीय स्टेट बैंक जयन्त तापोदार द्वारा बैंकिग प्रबंधन एवं कृषि ऋण मैनेजमेंट पर व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम के अंत में आशीष कुमार ठाकरे, सहायक प्राध्यापक द्वारा आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त अधिकरीदृकर्मचारी एवं छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें।

कलेक्टर ने धान के किस्म सहित ड्रिप सिंचाई के लिए लगाए गए स्ट्रक्चर का किया अवलोकन
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र परिसर में लगाए गए धान के किस्म सहित ड्रिप सिंचाई के लिए लगाए गए स्ट्रक्चर का अवलोकन किया। कलेक्टर महोबे ने कहा कि जिले के किसानों को कृषि के उन्नत बीज और ड्रिप सिंचाई के स्ट्रक्चर की जानकारी होना चाहिए। इसके लिए किसानों को अवगत कराएं। उन्होंने कहा की किसानों से संपर्क करते हुए विद्यार्थी के माध्यम से किसानों को इसकी जानकारी प्रदान करें। उन्होंने कहा की जिले के किसानों को महाविद्यालय के अनुसंधान का लाभ मिलना चाहिए।