KORBA : ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति को राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक का समर्थन, 25 मार्च के खदान बंदी आंदोलन के लिए

कोरबा/हरदीबाजार, 23 मार्च। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के जिलाध्यक्ष कोरबा श्यामू जायसवाल जी के द्वारा ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति जिला कोरबा के अध्यक्ष को समर्थन पत्र जारी किया गया है जिसमें लिखा गया है कि आपका संगठन ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति जिले के जल, जंगल, जमीन और रोजगार, बसाहट, मुआवजा जैसी मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही है और इसी कड़ी में आपके संगठन के द्वारा 25 मार्च 2023 से गेवरा और अन्य एसईसीएल क्षेत्रों में चरणबद्ध खदान बंदी का आंदोलन किया जा रहा है।

इस आंदोलन को राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) परिवार जिला कमेटी समर्थन करती है। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के ब्लॉक अध्यक्ष कटघोरा अभिषेक कंवर द्वारा माननीय कलेक्टर महोदय जी कोरबा को कुछ मांग के लिए भी ज्ञापन दिया जा रहा है खदानों में कार्यरत ठेका श्रमिकों के समस्याओं के निराकरण न होने के कारण खदान बंद करने के संबंध में यह कि जिला कोरबा में एसईसीएल की दीपका खदान संचालित है जहां दीपका खदान में कार्य करने वाले विभिन्न कंपनियों द्वारा समस्त ठेका श्रमिकों का शोषण लगातार किसी न किसी रूप से होता चला जा रहा है जिसके विरोध में हमारी ओर से अनेक बार प्रबंधन एवं शासन प्रशासन को अवगत कराया गया है परंतु समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा सका है। जिसमें मुख्य रुप से निम्नलिखित बिंदु शामिल है। ठेका कंपनी में कार्यरत श्रमिकों को कोल इंडिया हाई पावर कमेटी द्वारा निर्धारित दर के अनुसार वेतन एवं वेतन से संबंधित अन्य समस्त सुविधा दिया जाये।ठेका कंपनी में रोजगार प्रदान किए जाने वाले कार्यरत श्रमिकों को अनिवार्य प्रशिक्षण सुविधा मुहैया कराया जाये।

ठेका कंपनियों में कार्यरत श्रमिकों को परिवार सहित एसईसीएल के नियमित कर्मचारियों की तरह एसईसीएल अस्पताल में निशुल्क इलाज की व्यवस्था की जावे तथा ठेका श्रमिकों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को उक्त कंपनी में रोजगार एवं 25 लाख रुपए आर्थिक अनुदान राशि दिलाया जाए। esic के नियमों के तहत दुर्घटना होने पर संपूर्ण खर्च, इलाज से लेकर स्वस्थ होने तक सुनिश्चित किया जाए एवं इलाज तक वेतन प्रदान किया जाये । ठेका कंपनी में कार्यरत श्रमिकों को नियुक्ति पत्र कर्मचारी के नाम पर जारी किया जाए प्रत्येक कामगार को 7 (cl) कंजुअल लीव,30 (el) अन्डर लीव,15 (l) मेडिकल लीव/सिक लीव, कुल 52 दिनों की छुट्टी की सुविधा मुहैया कराया जाए। प्रत्येक ठेका श्रमिकों के परिवारों को गैस कनेक्शन निशुल्क दिलाया जाए ताकि कोयले का घरेलू इंधन के रूप में उपयोग कम हो सके और पर्यावरण संरक्षण में सहभागिता हो सके। ग्राम मलगांव एवं सुआभोडी, रेकी,अमगांव,दर्राखाचा मोहल्ला में साप्ताहिक मेडिकल कैंप लगाया जाए। ठेका श्रमिकों का मिनिमम वेज का भुगतान हर महीने उनके बैंक खाते में जमा किया जाए, पेमेंट स्लिप बनाकर दिया जाए एवं पीएफ नंबर एलाऊ कराया जाए।हरदीबाजार से दिपका थाना मार्ग पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है इस मार्ग पर सैकड़ों मजदूरों एवं भूविस्थापितो का आवागमन लगा रहता है जिससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।

भूविस्थापितो के बच्चों को शिक्षा के लिए एसईसीएल के डीएवी स्कूल में भर्ती हेतु प्राथमिकता दिया जाए। ठेका श्रमिकों को 5 साल तक ड्यूटी करने पर कंपनी के द्वारा ग्रेजुएटी का भुगतान किया जाए एवं वार्षिक बोनस भुगतान किया जाए। सभी कंपनियों में एंबुलेंस रखना सुनिश्चित किया जाए।ग्राम मलगांव एवं सुआभोडी, रेकी, दर्राखाचा मोहल्ला में प्रतिदिन पानी टैंकर की सुविधा मुहैया कराया जाये। जितने भी बोर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं उनका मुआवजा कर उनको क्षतिपूर्ति प्रदान किया जाए। उपरोक्त अनुसार मांगों को रखते हुए उचित कार्यवाही के लिए एसईसीएल प्रबंधन, श्रम कार्यालय व संबंधित विभाग को दिशा निर्देश जारी करने के लिए एवं कामगारों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो एवं औद्योगिक अशांति निर्मित ना हो इसके लिए जिला कलेक्टर से मांग किया गया है।

आज सीजीएम ऑफिस गेवरा में भूविस्थापित किसान कल्याण संगठन के द्वारा 25 मार्च को गेवरा खदान बंद के आंदोलन का समर्थन किया गया एवं एसईसीएल प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा गया उपरोक्त कार्य में सम्मिलित इंटक परिवार गेवरा दीपका क्षेत्र मे उपस्थित सदस्य सम्मिलित हुए श्यामू जायसवाल जिला अध्यक्ष इंटक कोरबा ,अभिषेक कंवर ब्लॉक अध्यक्ष कटघोरा, नरेंद्र सोनी जिला उपाध्यक्ष ,संत चौहान ब्लॉक उपाध्यक्ष कटघोरा, घासीराम भारद्वाज महामंत्री ,खगेश बरेठ, कैलाश कर्ष, मनोज कुमार, बिनदेश कुमार, दयाराम सोनी, शिवचरण चौहान, चामू ,मणि शंकर साहू ,रोहित दास, किशन कुमार , पुलेन्द्र सिंह, राघवेंद्र सिंह राठौर ,अशोक साहू उपस्थित थे।

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