मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना : सरोना में कलेक्टर-डीएफओ ने लगाए सागौन के पौधे

रायपुर । मुख्यमंत्री बघेल ने विश्व वानिकी दिवस पर मंगलवार को ‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’ का वर्चुअल शुभारंभ किया। रायपुर के सरोना में जिला स्तरीय कार्यक्रम में विभिन्न जनप्रतिनिधि, कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे और डीएफओ वी कुमार ने योजना से लाभान्वित हितग्राही डाॅ. मंढरिया की भूमि पर टिशू कल्चर सागौन की प्रजाति के पौधों का रोपण किया। इस योजना के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे किसानों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी भूमि रखने वाले हितग्राहियों में बड़ा उत्साह है। आज के जिला स्तरीय कार्यक्रम में सरोना में डाॅ. नलिनी मंढरिया की 5 एकड़ भूमि पर टिशु कल्चर सागौन के 1 हजार 250 पौधे रोपे गये। हितग्राही दंपत्ति डाॅ मंढरिया ने परिवार सहित कार्यक्रम में उपस्थित रहकर वीडियो काॅफ्रेसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री बघेल से बात भी की और इस महत्वाकांक्षी योजना को शुरू करने के लिए आभार भी जताया।



मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना की शुरूआत के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की छत्तीसगढ़ के जंगल और जैवविविधता हमारी पहचान है। हमारा पर्यावरण और वन बचा रहे इस दिशा में हमारी सरकार द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैदानी क्षेत्रों के लोगो को इस योजना से ज्यादा से ज्यादा जोड़े जाने के लिए प्रयास करने की आवश्यता है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को मैदानी स्तर पर योजना के सभी लाभ हितग्राहियों को बताते हुए प्रोत्साहित करने कहा। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना से लाभान्वित हो सके। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वृक्षों के दृष्टिकोण से संपन्न राज्य है। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से अगले 5 सालों में 1 लाख 80 हजार एकड़ में योजना का क्रियान्वयन किया जाना है। जिसका लाभ प्रदेशवासियों को मिलेगा।



मुख्यमंत्री से बात करते हुए हितग्राही डाॅ मंढरिया ने कहा कि बिना वर्ग भेद किए इस योजना से छोटे-बडे़, ग्रामीण-शहरी सभी लोग लाभान्वित होंगे। इस योजना का बड़ा आर्थिक लाभ तो लोगों को मिलेगा ही इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए भी यह एक बड़ी योजना साबित होगी। डाॅ मंढरिया ने कहा कि अब इमारती लकड़ियों के पेड़ों या औषधी पौधों की उपलब्धता जंगलों तक सीमित नहीं होकर किसानों और भू-मालिकों के खेतों तक भी होगी। व्यावसायिक और वाणिज्यिक रूप से लकड़ी की खेती से निश्चित ही लोगों को उनकी लागत का बड़ा लाभ मिलेगा और उनकी माली स्थिति ठीक होगी। इस योजना से लकड़ियों विशेष कर इमारती टिम्बर के लिए जंगलों पर दबाव कम होगा। डाॅं मंढरिया ने ऐसी दूरदर्शी और पर्यावरण हितैषी सर्व हितकारी योजना के लिए मुख्यमंत्री बघेल का आभार भी व्यक्त किया। डाॅ मंढरिया ने इस योजना को वनोपज उत्पादन और वन वासियों के लिए भी उपयोगी बताया।



कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे ने जिलेवासियों से इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील की। कलेक्टर ने कहा कि जिले में वन क्षेत्र की कमी को दूर करने के लिए यह एक बेहतर योजना है। उन्होंने बताया इस योजना के तहत 5 एकड़ क्षेत्र तक वृक्षारोपण के लिए शत प्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण पर 50 प्रतिशत की अनुदान दिया जाएगा। वन मण्डलाधिकारी वी. कुमार ने योजना के तहत पौधरोपण के साथ ही इंटरक्रॉपिंग तथा औषधिय पौधों के रोपड़ और योजना के तहत उपलब्ध कराये जाने वाले विभिन्न पौधों की जानकारी दी तथा इसके फायदों के बारे में बताया।



मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना किसानों की निजी भूमि पर वृक्षारोपण कर ग्रामीणों की आय बढ़ाने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में ग्रीन कवर बढ़ाने की एक महत्वकांक्षी योजना है। समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्द्ध शासकीय एवं शासन की स्वायत्त संस्थाऐं, निजी शिक्षण संस्थाऐं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाऐ, पंचायते तथा भूमि अनुबंध धारक इस योजना का लाभ ले सकते है। हितग्राही की निजी भूमि में 05 एकड़ तक वाणिज्यिक पौध रोपण के लिए शत् प्रतिशत तथा 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र में रोपण के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान शासन द्वारा हितग्राहियों को प्रदाय किया जाएगा। शासन द्वारा चयनित वृक्ष प्रजातियों की खरीदी के लिए प्रतिवर्ष न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित किया जाएगा, जिससे कृषकों को निश्चित आय प्राप्त होगी। योजना के तहत क्लोनल नीलगिरी, टिश्यू कल्चर बांस, सागौन, मालाबार नीम जैसे आर्थिक लाभ देने वाले पौधों का रोपण किया जाएगा।

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