धरमजयगढ़ में दो करोड़ के फंड की अफरा-तफरी, एक पंचायत को आबंटित राशि दूसरी में ट्रांसफर

ग्राम पंचायतें वापस मांग रहीं पैसे तो करवा रहे जांच

रायगढ़ । स्वच्छ भारत मिशन को धरमजयगढ़ में जिस तरह तोड़ा-मरोड़ा गया, वह बहुत आश्चर्यजनक है। जनपद सीईओ ने एक पंचायत से दूसरे पंचायत में राशि ट्रांसफर करवा ली। अब सचिव जरूरत पड़ने पर अपनी राशि वापस मांग रहे हैैं तो जिला पंचायत सीईओ ने जांच के आदेश दिए हैं।



धरमजयगढ़ में एसबीएम में बहुत अजीबोगरीब काम हुए हैं। सीईओ के रूप में एक ही जनपद में पदस्थ रहने का वर्ल्ड  रिकॉर्ड बना चुके आज्ञामणि पटेल के कार्यकाल का मामला है। करीब 62 ग्राम पंचायतों में 1669 शौचालय बनाने के लिए दो करोड़ से भी अधिक राशि पंचायतों के खाते में डाली गई थी, लेकिन एक पंचायत से दूसरे पंचायत में राशि ट्रांसफर की गई। बाकायदा जिला पंचायत सीईओ को मांगपत्र भी दिया गया था। कुछ पंचायतों ने लंबे समय तक आबंटित राशि का उपयोग शौचालय निर्माण में नहीं किया। कई पंचायतों ने अतिरिक्त राशि की मांग की।

वर्ष 2021 में पूर्व जनपद सीईओ आज्ञामणि पटेल ने जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखकर राशि ट्रांसफर करने की मांग की। जिपं सीईओ ने भी करीब 2.10 करोड़ रुपए 62 पंचायतों में ट्रांसफर कर दिए। इस राशि से भी शौचालय बने या नहीं संशय है। राशि ट्रांसफर करने में नियमों का पालन नहीं किया गया। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के अनुमोदन के बिना ही राशि ट्रांसफर कर दी गई। अब इस मामले में ग्रापं मुनुन्द के सचिव ने करीब 11.40 लाख रुपए वापस मांगे हैं। जिला पंचायत सीईओ ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। जांच कमेटी में एसडीएम डिगेश पटेल, तहसीलदार, उपकोषालय अधिकारी और जिला सलाहकार एसबीएमजी हैं। ग्रापं मुनुंद से हाटी, बाकारूमा, ससकोबा और टोनाहीनारा को 11.48 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे।

पहले कहा कराएंगे जांच, अब आदेश ही नहीं
धरमजयगढ़ में एसबीएम में गड़बड़ी के कई आरोप लग रहे हैं। जनवरी में जब यह मामला सामने आया तो जिला पंचायत सीईओ ने कहा था कि एसडीएम के नेतृत्व में जांच कराएंगे। लेकिन ऐसा कोई जांच आदेश ही नहीं हुआ। सचिव ने जब फंड वापस मांगा तो जांच के आदेश दिए हैं। शौचालय मरम्मत के लिए दिए गए करीब 75 लाख रुपए की राशि भी दूसरे पंचायतों को बांट दी गई। विस्तृत जांच में मामला पकड़ में आएगा।

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